Pars Today

Hindi
  • होम
  • रेडियो
  • Albanian shqip
  • Armenian Հայերեն
  • Assyrian ܐܬܘܪ̈ܝܐ
  • Azeri Azəri
  • Bangla বাংলা
  • Chinese 中文
  • Dari دری
  • English English
  • French français
  • German Deutsch
  • Hausa Hausa
  • Hebrew עברית
  • Hindi हिन्दी
  • Indonesian Bahasa Indonesia
  • Italian Italiano
  • Japanese 日本語
  • Kazakh қазақ тілі
  • Kiswahili Kiswahili
  • Pashto پښتو
  • Persian فارسی
  • Russian Русский
  • Spanish Español
  • Tajik Тоҷик
  • Taleshi Tolışə
  • Turkish Türkçe
  • Turkmen Türkmen
  • Uzbek узбек
  • विश्व
  • पश्चिमी एशिया
  • ईरान
  • धर्म
  • पार्स पीडिया
  • डिस-इन्फ़ो

आतंकवाद

  • समुद्र में ईरानी डिस्ट्रॉयर दिलमान से आई सुनामी, देखते ही दुश्मनों का मुंह खुला रह गया!

    समुद्र में ईरानी डिस्ट्रॉयर दिलमान से आई सुनामी, देखते ही दुश्मनों का मुंह खुला रह गया!

    Nov २७, २०२३ १५:४०

    इस्लामी गणराज्य ईरान की नौसेना का दिलमान डिस्ट्रॉयर जैसे ही समुद्र में उतरा वैसे ही जहां दोस्तों के चेहरे खिल उठे वहीं दुश्मनों का मुंह खुला रह गया।

  • अल-शिफ़ा अस्पताल में इस्राईल के हाथों क्या लगा? अमेरिकी चैनल ने इस रहस्य से उठाया पर्दा!

    अल-शिफ़ा अस्पताल में इस्राईल के हाथों क्या लगा? अमेरिकी चैनल ने इस रहस्य से उठाया पर्दा!

    Nov १७, २०२३ ११:५०

    एक अमेरिकी चैनल का कहना है कि अल-शिफ़ा मेडिकल कॉम्प्लेक्स के नीचे सुरंग नेटवर्क के होने का कोई सबूत या संकेत नहीं मिला है।

  • दाइश का असली चेहरा आया सामने, इस्राईल को टक्कर देने वालों के ख़िलाफ़ आतंकी साज़िश

    दाइश का असली चेहरा आया सामने, इस्राईल को टक्कर देने वालों के ख़िलाफ़ आतंकी साज़िश

    Nov १४, २०२३ १५:४०

    तकफ़ीरी आतंकवादी गुट दाइश का असली चेहरा और उसका वास्तविक संबंध अब खुलकर सामने आ गया है। एक ओर प्रतिरोधक दलों द्वारा जहां ग़ज़्ज़ा की मज़लूम जनता के समर्थन में अवैध आतंकी इस्राईल और अमेरिका से संघर्ष जारी है तो वहीं दाइश ने प्रतिरोध के जियालों के ख़िलाफ़ हमले तेज़ कर दिए हैं।

  • ग़ज़्ज़ा युद्ध और मीडिया का गिरता स्तर, सच से दूर लेकिन इस्राईल के साथ, तेलअवीव में बजने वाले सायरनों की आवाज़ें सुनने वालों को फ़िलिस्तीनी बच्चों और माओं की चीख़ें सुनाई नहीं देती!

    ग़ज़्ज़ा युद्ध और मीडिया का गिरता स्तर, सच से दूर लेकिन इस्राईल के साथ, तेलअवीव में बजने वाले सायरनों की आवाज़ें सुनने वालों को फ़िलिस्तीनी बच्चों और माओं की चीख़ें सुनाई नहीं देती!

    Oct २८, २०२३ १९:२२

    सात दशकों से जिस प्रकार पश्चिमी एशिया में मौजूद अवैध इस्राईली शासन फ़िलिस्तीनी बच्चों का नरसंहार कर रहा, इस देश के लोगों की मातृभूमि पर जिस तरह से अवैध क़ब्ज़ा करता जा रहा है और अब वह यह चाहता है कि इस पूरे इलाक़े में फ़िलिस्तीन नाम का कोई देश न रहे। वहीं उसके इस आतंकवाद के ख़िलाफ़ संघर्ष करने वाले लोग ही आज दुनिया की नज़र में आतंकी हो गए हैं। साथ ही उन्हें लाखों बच्चों और महिलाओं के नरसंहार की कोई तस्वीर नहीं दिखाई दे रही है।

  • दाइश, अलक़ायदा और अन्य आतंकवादी गुटों का असली चेहरा आया सामने, केवल मुसलमानों के नरसंहार की योजना का नाम है इस्लामी आतंकवाद!

    दाइश, अलक़ायदा और अन्य आतंकवादी गुटों का असली चेहरा आया सामने, केवल मुसलमानों के नरसंहार की योजना का नाम है इस्लामी आतंकवाद!

    Oct २५, २०२३ १४:५९

    पिछले कुछ दशकों से पूरी दुनिया में आतंकवाद की ऐसी लहर चली कि हर कोई उससे ख़ुद को प्रभावित होता हुआ देख रहा था। वहीं ख़ास बात यह थी कि इस आतंकवाद के साथ इस्लाम का शब्द भी जोड़ दिया गया था। देखते ही देखते अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इस्लामी आतंकवाद को लेकर चर्चा होने लगी। इसका असर यह हुआ कि विश्वभर में लोग मुसलमानों को आतंकी के तौर पर देखने लगे। लेकिन इस आतंकवाद ने अगर सबसे ज़्यादा किसी को नुक़सान पहुंचाया तो वह कोई और नहीं बल्कि मुसलमान और इस्लामी देश ही हैं।

  • आतंकवाद से मुक़ाबले के नाम पर आतंक के सबसे बड़े समर्थक बने अमेरिका और यूरोपीय देश! हमास और इस्राईल युद्ध में बिकाऊ मीडिया की भी खुली पोल

    आतंकवाद से मुक़ाबले के नाम पर आतंक के सबसे बड़े समर्थक बने अमेरिका और यूरोपीय देश! हमास और इस्राईल युद्ध में बिकाऊ मीडिया की भी खुली पोल

    Oct १६, २०२३ १९:०३

    हमास और इस्राईल के बीच भयानक युद्ध चल रहा है। इस युद्ध के नुक़सान का अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता। नुक़सान दोनों तरफ हो रहा है। फ़र्क़ सिर्फ इतना है कि इस्राईल के पास नवीनतम हथियार, लाखों प्रशिक्षित सैनिक, एक रक्षा प्रणाली के साथ-साथ विश्व शक्तियां उसका समर्थन कर रही हैं। दूसरी तरफ, केवल हमास है, जिसके पास हज़ारों सैनिक हैं। कोई नई तकनीक नहीं, कोई नए हथियार नहीं, कोई रक्षा प्रणाली नहीं।

  • गांधी का देश अब अटल नहीं, फ़िलिस्तीन के मुद्दे पर भारत सरकार आतंकवाद के साथ! भारत की मेन स्ट्रीम मीडिया ने भी पार कीं सारी हदें

    गांधी का देश अब अटल नहीं, फ़िलिस्तीन के मुद्दे पर भारत सरकार आतंकवाद के साथ! भारत की मेन स्ट्रीम मीडिया ने भी पार कीं सारी हदें

    Oct १०, २०२३ १९:३०

    फ़िलिस्तीन का मुद्दा एक ऐसा अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा है कि जिसके वास्तविक्ता शायद ही किसी से छिपी हो। दुनिया का हर देश यह अच्छी तरह से जानता है कि इस्राईल एक अवैध और आक्रमणकारी शासन है। आज जिस प्रकार वह फ़िलिस्तीनियों पर वह बम बरसा रहा है वही आतंकवाद का असली चेहरा है। क्योंकि जिनकी ज़मीन पर उसने अवैध रूप से क़ब्ज़ा कर रखा है उन्हीं को वह अब पूरी तरह फ़िलिस्तीन से बाहर निकालने की योजना पर काम कर रहा है।

  • बलात्कारियों का सत्कार करने वालों, मुसलमानों की हत्या करने वालों और जय श्री राम का नारा लगाकर मानवाता को शर्मसार करने वालों का किस आतंकी गुट से है संबंध? इन्हें कौन दे रहा है छूट?

    बलात्कारियों का सत्कार करने वालों, मुसलमानों की हत्या करने वालों और जय श्री राम का नारा लगाकर मानवाता को शर्मसार करने वालों का किस आतंकी गुट से है संबंध? इन्हें कौन दे रहा है छूट?

    Oct ०४, २०२३ १८:५६

    इस समय भारत में वैसा ही माहौल है कि जैसा दुनिया की साम्राज्यवादी शक्तियों ने बनाया है। एक ओर तो पूरी दुनिया के मुस्लिम देशों को युद्ध की आग में ढकेला गया और दूसरी ओर आतंकी संगठनों का गठन करके इन्हीं मुस्लिम देशों में रहने वाले मुसलमानों का जनसंहार कराया जा रहा है, वहीं इस्लाम के नाम को आतंकवाद से जोड़कर आम लोगों को इस्लाम से दूर करने की साज़िश भी रची जा रही है। इस समय भारत में भी भगवा आतंकवाद पूरे देश को खोखला करता जा रहा है, लेकिन घरों पर बिल्डोज़र से लेकर इन्काउंटर तक मुसलमानों का ही किया जा

  • अंकारा हमले मे पीकेके का हाथ

    अंकारा हमले मे पीकेके का हाथ

    Oct ०२, २०२३ ०८:५९

    अंकारा के आत्मघाती हमले की ज़िम्मेदारी, कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी, पीकेके ने स्वीकार की है। 

  • जनरल क़ासिम सुलैमानी की टारगेट किलिंग के मामले में 73 अमरीकियों सहित 97 के ख़िलाफ़ चार्जशीट, आतंकी हमले में 9 देशों ने दिया था साथ

    जनरल क़ासिम सुलैमानी की टारगेट किलिंग के मामले में 73 अमरीकियों सहित 97 के ख़िलाफ़ चार्जशीट, आतंकी हमले में 9 देशों ने दिया था साथ

    Sep २७, २०२३ १८:३२

    ईरान की न्यायपालिक के उप प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम मुहम्मद सादिक़ ने कहा कि जनरल क़ासिम सुलैमानी इराक़ की दावत पर सरकारी दौरे पर गए थे, उनकी हत्या एक आतंकी कृत्य है। उन्होंने बताया कि इस मामले में 97 लोगों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल की गई है जिसमें 73 अमरीकी अधिकारी है।

अधिक...
टॉप न्यूज़
  • क्या पलायनकर्ता व प्रवासी यहूदी राष्ट्र थे?

    क्या पलायनकर्ता व प्रवासी यहूदी राष्ट्र थे?

    ८ hours ago
  • इंडोनेशिया के राष्ट्रपति: डच उपनिवेशवादियों ने अपने शासनकाल में हमारे 31 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति लूट ली

  • ईरानी मिसाइलों का वारहेड वज़न 2 टन हो गया + तस्वीरें

  • ईरान के मिरजावा के सुन्नी समुदाय के इमाम जुमाः हज़रत अली से मोहब्बत ही हमारा ईमान है

  • ईरान गैस टर्बाइन के उत्पादन में दुनिया के पहले 5 देशों में शामिल

संपादक की पसंद
  • इस्माइल बक़ाई ने प्रस्ताव पारित होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा: यह क़दम अनुचित, बिना कारण और ज़ुल्म व अत्याचार है

    इस्माइल बक़ाई ने प्रस्ताव पारित होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा: यह क़दम अनुचित, बिना कारण और ज़ुल्म व अत्याचार है

    ११ hours ago
  • ईरान के पास इस राजनीतिक प्रस्ताव का जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है

    ईरान के पास इस राजनीतिक प्रस्ताव का जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है

    ११ hours ago
  • अंतर्राष्ट्रीय परमाणु एजेंसी के गवर्नर्स काउंसिल की बैठक में ईरान के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित

    अंतर्राष्ट्रीय परमाणु एजेंसी के गवर्नर्स काउंसिल की बैठक में ईरान के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित

    १२ hours ago
अधिक देखी गई ख़बरें
  • ईरान गैस टर्बाइन के उत्पादन में दुनिया के पहले 5 देशों में शामिल

  • ईरानी मिसाइलों का वारहेड वज़न 2 टन हो गया + तस्वीरें

  • ईरान के मिरजावा के सुन्नी समुदाय के इमाम जुमाः हज़रत अली से मोहब्बत ही हमारा ईमान है

  • सुंदरता से भी सुंदर क्या है?  इमाम हादी अलैहिस्सलाम से 8 हदीसें

  • मेडलिन: मानवीय गरिमा और स्वतंत्रता का प्रतीक

  • क्या पलायनकर्ता व प्रवासी यहूदी राष्ट्र थे?

  • ट्रंप: प्रदर्शनकारी जानवर हैं/ अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधि: ट्रंप खुद को राजा समझते हैं

  • ईरान के पास इस राजनीतिक प्रस्ताव का जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं है

  • इंडोनेशिया के राष्ट्रपति: डच उपनिवेशवादियों ने अपने शासनकाल में हमारे 31 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति लूट ली

  • कारवाँ-ए-पायेदारी" या प्रतिरोध का काफ़िला लीबिया के "ज़ाविया" स्टेशन पर पहुँचा, ग़ाज़ा की ओर अग्रसर

Pars Today

© 2025 PARS TODAY. All Rights Reserved.

समाचार
    विश्व
    पश्चिमी एशिया
    ईरान
    धर्म
    पार्स पीडिया
    डिस-इन्फ़ो
Pars Today
    हमारे बारे में
    हमसे संपर्क करें
    आरएसएस