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हथियार देने में जितनी तेज़ी करते हैं उतनी जल्दबाज़ी युद्धविराम के लिए क्यों नहीं करते अमेरिका और यूरोपीय देश?
Nov ०५, २०२३ १७:५७इस समय पूरी दुनिया की नज़र ग़ज़्ज़ा युद्ध पर टिकी हुई है। हर दिन मरने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। सबसे दुखद चीज़ जो इस युद्ध में देखने को मिल रही है वह है मरने वालों में बच्चों और महिलाओं की तादाद। लेकिन सवाल यहां यह उठता है कि आख़िर फ़िलिस्तीनियों के इस नरसंहार के पीछे कौन लोग हैं और उनके क्या हित छिपे हुए हैं?
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अमरीका और उसके घटकों के हित में है विश्व में अशांतिः पुतीन
Oct ३१, २०२३ ०८:४७रूसी राष्ट्रपति का कहना है कि अमरीका चाहता है कि दुनिया में अशांति बनी रहे।
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ग़ज़्ज़ा युद्ध और मीडिया का गिरता स्तर, सच से दूर लेकिन इस्राईल के साथ, तेलअवीव में बजने वाले सायरनों की आवाज़ें सुनने वालों को फ़िलिस्तीनी बच्चों और माओं की चीख़ें सुनाई नहीं देती!
Oct २८, २०२३ १९:२२सात दशकों से जिस प्रकार पश्चिमी एशिया में मौजूद अवैध इस्राईली शासन फ़िलिस्तीनी बच्चों का नरसंहार कर रहा, इस देश के लोगों की मातृभूमि पर जिस तरह से अवैध क़ब्ज़ा करता जा रहा है और अब वह यह चाहता है कि इस पूरे इलाक़े में फ़िलिस्तीन नाम का कोई देश न रहे। वहीं उसके इस आतंकवाद के ख़िलाफ़ संघर्ष करने वाले लोग ही आज दुनिया की नज़र में आतंकी हो गए हैं। साथ ही उन्हें लाखों बच्चों और महिलाओं के नरसंहार की कोई तस्वीर नहीं दिखाई दे रही है।
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हांपते-कांपते इस्राईल पहुंचने वाली अमेरिकी और यूरोपीय नेताओं के लिए सूचना, अवैध शासन का समय अब पूरा हो चुका: इमामे जुमा तेहरान
Oct २७, २०२३ १७:२३तेहरान की केन्द्रीय नमाज़े जुमा के इमाम ने अलअक़्सा तूफ़ान ऑपरेशन से प्राप्त होने वाली उपलब्धियों की ओर इशारा करते हुए कहा कि जिस दिन अलअक़्सा तूफ़ान ऑपरेशन हुआ उस दिन को फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के लिए अनुकंपा दिवस और ज़ायोनी शासन के लिए नक़्बा दिवस माना जाना चाहिए।
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फ़िलिस्तीनी जियालों ने फिर किया कमाल, इस्राईल के सैन्य ठिकाने पर फिर उतरे पैराग्लाइडर, ग़ज़्ज़ा में घुसपैठ की ज़ायोनी योजना हुई नाकाम
Oct २६, २०२३ १४:४१एक ओर आतंकी इस्राईल अमेरिका और कुछ पश्चिमी दशों के साथ मिलकर लगातार ग़ज़्ज़ा की जनता का नरसंहार कर रहा है वहीं दूसरी ओर फ़िलिस्तीनी जियाले केवल आतंकी ज़ायोनी सैनिकों को ही निशाना बना रहे हैं। एक बार फिर हमास के जियालों ने वह कर दिखाया कि जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था।
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भारतीय कंपनी के एक फ़ैसले ने आतंकी इस्राईली सैनिकों की वर्दी ही उतार दी!
Oct २६, २०२३ ०९:४९गज़्ज़ा में जिस तरह आतंकी इस्राईली सेना पाश्विक हमले कर रही है उससे दुनिया के हर कोने में मौजूद मानवता प्रेमी इंसान उसके ख़िलाफ़ अपनी आवाज़ उठा रहा है। इस बीच भारत से एक ऐसी ख़बर आई है कि जिसने ज़ायोनी शासन की आतंकी सेना और पुलिस की वर्दी ही छीन ली है।
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दाइश, अलक़ायदा और अन्य आतंकवादी गुटों का असली चेहरा आया सामने, केवल मुसलमानों के नरसंहार की योजना का नाम है इस्लामी आतंकवाद!
Oct २५, २०२३ १४:५९पिछले कुछ दशकों से पूरी दुनिया में आतंकवाद की ऐसी लहर चली कि हर कोई उससे ख़ुद को प्रभावित होता हुआ देख रहा था। वहीं ख़ास बात यह थी कि इस आतंकवाद के साथ इस्लाम का शब्द भी जोड़ दिया गया था। देखते ही देखते अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इस्लामी आतंकवाद को लेकर चर्चा होने लगी। इसका असर यह हुआ कि विश्वभर में लोग मुसलमानों को आतंकी के तौर पर देखने लगे। लेकिन इस आतंकवाद ने अगर सबसे ज़्यादा किसी को नुक़सान पहुंचाया तो वह कोई और नहीं बल्कि मुसलमान और इस्लामी देश ही हैं।
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ग़ाज़ा के बाद वेस्ट बैंक पर भी आतंकी इस्राईली सेना का हमला, 7 फ़िलिस्तीनी शहीद, कई घायल
Oct १९, २०२३ १६:०२मीडिया सूत्रों से प्राप्त होने वाली ख़बरों के अनुसार, आतंकी ज़ायोनी सरकार के सैनिकों ने वेस्ट बैंक के विभिन्न क्षेत्रों पर हमला किया है। इस बीच फ़िलिस्तीनियों और ज़ायोनी सैनिकों के बीच हुई झड़पों में सात फ़िलिस्तीनी शहीद हो गए हैं, जबकि कई अन्य घायल भी हुए हैं।
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आतंकी इस्राईल के ठिकानों पर हिज़्बुल्लाह का हल्ला बोल, हमले के जारी वीडियो ने नेतन्याहू के भी उड़ाए होश+ वीडियो
Oct १९, २०२३ १४:३३लेबनानी सूत्रों ने सूचना दी है कि शबआ और कफ़र शूबा में आतंकी ज़ायोनी सेना के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए हिज़्बुल्लाह ने मिसाइल हमले किए हैं।
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फ़िलिस्तीन अभी ज़िन्दा है, अलअक़्सा तूफ़ान ने बहुत सारी तस्वीरों को किया साफ़, एक झटके में नेतन्याहू का सपना हुआ चकनाचूर!
Oct १७, २०२३ १६:५४एक ओर 75 वर्षों से फ़िलिस्तीनी जनता का ख़ून बहाने वाला अवैध आतंकी शासन इस्राईल है और दूसरी ओर सात दशक पहले दर-दर भटक रहे यहूदियों को सिर छिपाने के लिए अपनी जगह देने वाले दयालु, बाहदुर, धैर्यवान और इस समय दुनिया की सबसे पीड़ित फ़िलिस्तीनी जनता है। हंसी के साथ-साथ शर्म आती है उन नेताओं, पत्रकारों और संस्थाओं पर जो फ़िलिस्तीन के संघर्षकर्ताओं को आतंकवादी और इस्राईली आतंकियों को आत्मरक्षा करने वाले सिपाही बता रहे हैं।