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आयत क्या कहती हैं? कुछ लोगों के इसी संसार में मरने के बाद जीवित होने की बात स्पष्ट रूप से कही गई है।
Dec १३, २०२० १२:२०ईश्वर की इच्छा से इस संसार में मरने के बाद लोगों का जीवित होना ऐसी बात है जो इससे पहले भी सामने आ चुकी है और क़ुरआने मजीद ने उसकी ओर इशारा किया है।
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आयत क्या कहती हैं? अगर मनुष्य का हृदय मरा हुआ हो और वह सत्य को स्वीकार न करना चाहे तो फिर सत्य बात का उस पर कोई प्रभाव नहीं होगा।
Dec १२, २०२० १५:१२खेद की बात है कि काफ़िर उन अंधे बहरे लोगों की तरह हैं जिन्होंने अपने ऊपर सत्य को समझने के सभी दरवाज़े बंद कर लिए हैं और अपने आपको सत्य को सुनने और देखने से वंचित कर लिया है।
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आयत क्या कहती हैं? क़ुरआने मजीद की एक विभूति वैचारिक मतभेदों का समाधान है।
Dec ०८, २०२० १२:५८क़ुरआन न केवल मुसलमानों के लिए बल्कि आसमानी किताबों के मानने वालों के लिए भी एकता का कारण है।
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आयत क्या कहती हैं? न केवल उनके मन और भीतर की सारी बातें बल्कि सृष्टि की सभी वस्तुओं की सभी प्रकट व गुप्त बातें ईश्वर के लिए पूरी तरह स्पष्ट हैं।
Dec ०७, २०२० १३:२३सृष्टि की व्यवस्था एक सुरक्षित किताब या दूसरे शब्दों में ईश्वर के असीम ज्ञान के अंतर्गत है और सृष्टि की हर चीज़ उसमें स्पष्ट रूप से लिखी हुई है।
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आयत क्या कहती हैं? ईश्वर ने मनुष्य को स्वतंत्र व स्वाधीन पैदा किया है और वह नहीं चाहता कि कोई भी विवश हो कर ईमान लाए।
Dec ०५, २०२० ११:५९धरती के विभिन्न भागों का भ्रमण करें ताकि पिछली जातियों की तबाही और उनकी सभ्यताओं की समाप्ति देखें और उनके अंजाम से पाठ लें।
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आयत क्या कहती हैं? सभी पैग़म्बरों ने वादा किया है कि एक दिन प्रलय आएगा जबकि हमारे जो पूर्वज इस संसार से जा चुके हैं वे मिट्टी बन गए हैं।
Dec ०२, २०२० १५:१९पिछले लोगों के अवशेषों की रक्षा, आगामी पीढ़ियों के पाठ के लिए आवश्यक है।
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आयत क्या कहती हैं? प्रलय का आना निश्चित है लेकिन किसी को उसके समय का ज्ञान नहीं है।
Dec ०१, २०२० १५:०१कुछ बातें ईश्वर से विशेष हैं और पैग़म्बरों व फ़रिश्तों तक को उनके बारे में कोई ज्ञान नहीं है।
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आयत क्या कहती हैं? सभी की वापसी उसी की ओर है।
Nov ३०, २०२० १३:०२क़ुरआने मजीद अनेकेश्वरवादियों को संबोधित करके उनसे पूछता है कि जिन्हें तुम पूजते हो वे बेहतर हैं या वह ईश्वर जिसने सृष्टि की रचना की है और धरती व आकाश व सभी छोटी बड़ी वस्तुओं का संचालन करता है?
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आयत क्या कहती हैं? क्यों तुम लोग मूल्यहीन प्रतिमाओं को सर्वसमर्थ व शक्तिशाली ईश्वर के साथ पुकराते हो और उन्हें अपने तथा संसार के संचालन में प्रभावी समझते हो?
Nov २९, २०२० १२:१४हवाएं, जो समुद्रों पर से बादलों को धरती के दूरस्थ स्थानों तक ले जाती हैं और वर्षा का कारण बनती हैं, ईश्वर के अलावा किसकी इच्छा और इरादे से चलती हैं?
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आयत क्या कहती हैं? तुम अपने भीतर एक ऐसी शक्ति को पहचानते हो जो तुम्हारी समस्याओं को दूर कर सकती है।
Nov २४, २०२० ११:३८जब तुम समस्याओं और कठिनाइयों में घिर जाते हो और सभी दरवाज़े तुम पर बंद हो जाते हैं तो तुम्हें किसका सहारा होता है?