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आयत क्या कहती हैं? प्रकृति की इन चीज़ों की रचना, तुम्हारे पूज्यों ने की है या अनन्य ईश्वर ने?
Nov २३, २०२० १३:५८ईश्वर ने धरती को तुम्हारे लिए शांत व ठहरी हुई बनाया है ताकि तुम उसमें आराम कर सको।
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आयत क्या कहती हैं? एक शक्तिशाली व सक्षम रचयिता ने अपने ज्ञान व तत्वदर्शिता के आधार पर इस ब्रह्मांड की रचना और इसके संचालन की युक्ति की है।
Nov १८, २०२० १७:०७क्या जिसे तुम पूजते ही उसने आकाश और धरती की रचना की है और तुम्हारे लिए वर्षा भेजता है?
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आयत क्या कहती हैं? हमें सदैव ईश्वर के पैग़म्बरों और उसके पवित्र बंदों पर सलाम भेजते रहना चाहिए।
Nov १६, २०२० १३:०९महान ईश्वर की प्रशंसा की जानी चाहिए जिसने धरती को अपराधियों और बुराई फैलाने वालों के अस्तित्व से पवित्र किया।
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आयत क्या कहती हैं? ईश्वर से भय और पवित्रता, ईश्वरीय दंड और कोप से मुक्ति का कारण है।
Nov १५, २०२० १३:०४दूसरों के पापों पर राज़ी रहना और अपराधियों से सहयोग, ईश्वर की दृष्टि में पाप समझा जाता और इस पर दंड दिया जाएगा।
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आयत क्या कहती हैं? पाप पर चुप रहना वैध नहीं है ताकि पापियों के लिए पाप करना कठिन हो जाए।
Nov १४, २०२० १४:०४बुराइयों से खुल कर रोकना आवश्यक है चाहे उसका कोई परिणाम न निकले और निर्वासित होना पड़े।
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आयत क्या कहती हैं? समाज में प्रचलित बुराइयों से मुक़ाबला करना, ईश्वरीय पैग़म्बरों और समाज सुधारकों के दायित्वों में शामिल है।
Nov ०७, २०२० १२:५५समलैंगिकता जैसे यौन विकार, अज्ञानता व मूर्खता की निशानी हैं।
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आयत क्या कहती हैं? ईश्वर की परंपरा, असत्य पर सत्य की विजय की है।
Nov ०२, २०२० १३:३६अगर ईमान वाले अपने दायित्वों का पालन करें तो ईश्वर काफ़िरों के षड्यंत्रों को सही समय पर विफल बना देता है।
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आयत क्या कहती हैं? पैग़म्बरों के विरोधी तर्क की भाषा नहीं समझते थे।
Nov ०१, २०२० १२:०८इतिहास में असंख्य पाठ हैं।
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आयत क्या कहती हैं? इतिहास में हमेशा सत्य और असत्य के बीच टकराव रहा है।
Oct २७, २०२० १२:४९लोगों को एकेश्वरवाद का निमंत्रण देना, सभी पैग़म्बरों के निमंत्रण में सर्वप्रथम रहा है।
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आयत क्या कहती हैं? वास्तविक ईमान संसार के पालनहार के समक्ष नतमस्तक होना है।
Oct २६, २०२० १०:००वास्तविक तौबा यह है कि मनुष्य अपनी पिछली ग़लतियों को स्वीकार करे, ईश्वर से क्षमा चाहे और आगे का मार्ग, ईश्वरीय मार्गदर्शन के चिराग़ के सहारे तै करे।