भारतीय किसानों के देशव्यापी बंद में बहुत से संगठन भाग ले रहे हैं।
भारत में एक बार फिर हज़ारों किसान सड़कों पर उतर आए हैं।
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता ने आशंका जताई है मतणना में घांधली हो सकती है इसलिए बहुत सतर्क रहने की ज़रूरत है।
भारतीय किसान यूनियन के नेता ने कहा है कि जिसपर 5 हत्याओं का आरोप है वह मात्र 3 महीनों में कैसे छूट जाता है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने दावा किया कि 9 दिसंबर को सरकार द्वारा किए गए वादों के एक पत्र के आधार पर दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन को वापस ले लिया गया था, लेकिन वादे अधूरे रह गए।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किसानों को इस ओर से सचेत किया है कि वे हिंदु-मुस्लिम की राजनीति के माध्यम से ध्रुवीकारण से बचें।
किसान 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस मनाने जा रहे हैं।
संयुक्त किसान मोर्चे का कहना है कि सरकार की वादाखिलाफी को लेकर किसान, पूरे देश के जिला मुख्यालयों, ब्लॉक मुख्यालयों और तहसीलों पर प्रदर्शन करेंगे और प्रधानमंत्री के पुतले फूंकेंगे।
राकेश टिकैत का कहना है कि सरकार का अगला वार उन भूमिहीन किसानों पर होगा जो पशु पालते हैं और दूध बेचकर गुज़र-बसर करते हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस समय देश के अंदर के हालात ठीक नहीं हैं।