रोनाल्डो की सऊदी अरब में एंट्री, केवल खेल या फिर मोहम्मद बिन सलमान की योजना का हिस्सा?
सऊदी अरब के फुटबॉल क्लब अलनस्र ने फुटबॉल की दुनिया के बेताज बादशाह क्रिस्टियानो रोनाल्डो को क़रीब 1,800 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि देकर ख़रीद लिया है। बताया जा रहा है कि यह किसी प्रफेशनल फुटबॉलर को दि गई सबसे बड़ी रक़म है।
सऊदी अरब के अलनस्र फुटबॉल क्लब ने रोनाल्डो को जून 2025 तक के लिए ख़रीदा है। यूरोपीय देश पुर्तगाल की टीम के खिलाड़ी रोनाल्डो अब तक ब्रिटेन के बहुचर्चित फुटबॉल क्लब मैनेचेस्टर यूनाइटेड से खेलते थे। यूरोप को छोड़कर सऊदी क्लब जाने के फ़ैसले के लिए रोनाल्डो की तीखी आलोचना हो रही है। वहीं इसे सऊदी अरब के कुख्यात प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के एक वायरल हो रहे वीडियो के साथ जोड़कर देखा जा रहा है जिसमें वह कहते हैं कि पश्चिमी एशिया ही अब 'नया यूरोप' बन रहा है। साथ ही रोनाल्डो की रियाज़ में एंट्री को सऊदी अरब के महत्वाकांक्षी राजकुमार की महत्वाकांक्षी योजना के तौर पर भी देखा जा रहा है। मोहम्मद बिन सलमान का यह वीडियो साल 2018 का है। इसमें वह कहते हैं, 'नया यूरोप पश्चिमी एशिया होगा, सऊदी अरब, बहरैन अगले 5 साल में बहुत अलग होंगे। यहां तक कि क़तर के साथ मतभेदों के बाद भी उनकी अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी है। वे अगले 5 साल में बहुत अलग होंगे। संयुक्त अरब इमारात, ओमान, लेबनान, इराक़ के पास बहुत अवसर है। अगर हम अगले 5 साल में सफल हुए तो यह देश भी हमारा अनुसरण करेंगे। अगला वैश्विक पुर्नजागरण अगले 30 साल में पश्चिमी एशिया में होगा।' सऊदी प्रिंस ने कहा, 'अल्लाह की इच्छा है। यह सऊदी अरब की लड़ाई है। यह मेरी निजी रूप से लड़ाई है। मैं इसे खुद देखूंगा। मैं तब तक मरना नहीं चाहता हूं जब तक कि पश्चिमी एशिया दुनिया में अग्रिम मोर्चे पर पहुंच जाए। मैं समझता हूं कि इस लक्ष्य को 100 फ़ीसदी हासिल किया जा सकता है।' एक अन्य बयान में उन्होंने कहा, 'मैं समझता हूं कि पश्चिमी एशिया में कई बेहद ख़ास प्रॉजेक्ट चल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के गठन के बाद अगर हम पश्चिमी एशिया को देखते हैं तो हालात कठिन हैं।'
आले सऊद शासन के युवराज ने यह भी कहा था कि, 'विकासशील देश अपने प्राकृतिक संपदा पर निर्भर थे। ख़ासकर फ़ार्स की खाड़ी देश तेल पर। इस बीच 1990 के दशक में एक व्यक्ति आया और उसने अपने उदाहरण से हमें दिखाया और सहमत किया कि पश्चिमी एशिया में हम सभी और ज़्यादा हासिल कर सकते हैं। उनका नाम शेख़ मोहम्मद बिन राशिद है। उन्होंने दुबई में सफलता हासिल की और पूरे पश्चिमी एशिया को सहमत किया कि हम न केवल दुबई जैसी सफलता हासिल कर सकते हैं, बल्कि इससे ज़्यादा आगे जा सकते हैं। शेख़ राशिद ने हमारी सीमाओं को बढ़ा दिया। हमें भी सऊदी अरब की सीमा को बढ़ाना होगा।' मोहम्मद सलमान ने कहा, ' हम देख सकते हैं कि अबू धाबी बहुत तेज़ी से आगे बढ़ा है और लगातार उसे सफलता मिली है। बहरैन ने भी 1990 के दशक के बाद बहुत अच्छी सफलता हासिल की है। कुवैत का भी साल 2035 का लक्ष्य है। उसके पास काफ़ी पैसा भी है। वह आसानी से लक्ष्य को हासिल कर सकता है। यहां तक कि मिस्र भी तेज़ी से विकास कर रहा है। वहां के इंजीनियर महान मिस्र को फिर से बना रहे हैं। ओमान भी विशाल परियोजनाओं को अंजाम दे रहा है।' इस बीच चर्चित फुटबॉल पत्रकार उरी लेवी ने मोहम्मद बिन सलमान के इसी वीडियो को शेयर करके कहते हैं, 'रोनाल्डो का सऊदी अरब जाना केवल वित्तीय उद्देश्यों के लिए नहीं है। पैसा या फुटबॉल के अलावा भी इसमें बहुत कुछ है। इस क़दम से मोहम्मद बिन सलमान ने उस सोच को प्रदर्शित कर दिया है जो अभी पश्चिमी देशों में आना बाक़ी है। बहुत सी चीज़ें बदल रही हैं और क्रिस्टियानो रोनाल्डो इसे जानते हैं।' (RZ)
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