सीरिया संकट के बारे में असद के विचार
(last modified Sat, 12 Aug 2023 10:19:02 GMT )
Aug १२, २०२३ १५:४९ Asia/Kolkata
  • सीरिया संकट के बारे में असद के विचार

बश्शार असद आज भी ईरान को सबसे अधिक भरोसे वाले देश के रूप में देखते हैं।

सीरिया के राष्ट्रपति ने अन्य देशों के साथ अपने देश के संबन्धों पर विचार व्यक्त किये हैं।  स्काई न्यूज़ को दिये अपने साक्षात्कार में बश्शार असद ने सीरिया संकट के बारे में भी विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने इस इन्टरव्यू में ईरान, रूस और तुर्किये के साथ संबन्धों के संदर्भ में भी बात की।  बश्शार असद ने इस्लामी गणतंत्र ईरान और रूस को सीरिया के मित्र देश बताया।  तुर्किये को उन्होंने सीरिया का एसा पड़ोसी देश बताया जिसने सीरिया के भीतर आतंकी गुटों को सक्रिय बनाने में सहायता की। 

तुर्किये के राष्ट्रपति के साथ भेंट के संदर्भ में सीरिया के राष्ट्रपति ने कहा कि इससे अर्दोग़ान का उद्देश्य, तुर्किये के सैनिकों द्वारा अतिग्रहित किये गए सीरिया के भूभाग को वैध बनवाना है।  बश्शार असद कहते हैं कि जबतक तुर्किये के सैनिक सीरिया की भूमि में बने रहते हैं और तुर्किये की ओर से आतंकी गुटों का वित्तपोषण जारी रहता है तबतक वे रजब तैयब अर्दोग़ान के साथ मुलाक़ात नहीं करेंगे। 

उनका कहना था कि तुर्किये हमारा पड़ोसी देश है और स्वभाविक सी बात है कि उसके साथ हमारे संबन्ध सामान्य होने चाहिए।  असद के अनुसार सीरिया की भूमि से तुर्किये के सैनिकों की वापसी के बाद हम भी पुरानी नीति, अर्थात पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबन्धों का अनुसरण करेंगे।  बश्शार असद ने अपने साक्षात्कार में सीरिया में संकट उत्पन्न करने में पश्चिम के लक्ष्यों का उल्लेख किया। 

सीरिया संकट में पश्चिमी देशों विशेषकर अमरीका की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।  वर्तमान समय में भी सीरिया के कुछ क्षेत्रों में अमरीकी सैनिक मौजूद हैं जो वहां पर अवैध गतिविधियां अंजाम देते रहते हैं।  असद का यह मानना है कि सीरिया का विनाश करने में उन देशों की प्रमुख भूमिका है जिन्होंने आतंकी गुटों का समर्थन किया और कर रहे हैं।  बश्शार असद ने बताया कि सीरिया के विरोधियों का लक्ष्य केवल इस देश के राष्ट्रपति को सत्ता से बेदख़ल करना नहीं था बल्कि वे सीरिया को एक बहुत ही कमज़ोर देश बनाना चाहते थे। 

इस संदर्भ में उन्होंने लीबिया और इराक़ के उदाहरण दिये।  उन्होंने कहा कि सीरिया, इराक़ और लीबिया को संकट ग्रस्त करने से दुश्मनों का मुख्य लक्ष्य इन देशों को अधिक से अधिक कमज़ोर करना था।  सीरिया के राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि दमिश्क़ कभी भी इस्राईल के साथ अपने संबन्ध सामान्य नहीं बनाएगा।  उनका कहना था कि जब से सीरिया की सेना ने आतंकी गुटों के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाहियां करनी आरंभ कीं उसी समय से सीरिया के विरुद्ध इस्राईल के हमले आरंभ हो गए।  बश्शार असद के इस इन्टरव्यू से पता चलता है कि सीरिया को एक बड़े संकट में झोंकने का मुख्य कारण यह था कि उसको इतना कमज़ोर बना दिया जाए कि वह मजबूर होकर अवैध ज़ायोनी शासन को मान्यता प्रदान कर दे।

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