अलअक़सा तूफ़ान के सामने बेबस इस्राईल
(last modified Sun, 08 Oct 2023 09:37:04 GMT )
Oct ०८, २०२३ १५:०७ Asia/Kolkata

फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आन्दोलन हमास ने शनिवार 7 अक्तूबर 2023 को अवैध ज़ायोनी शासन के भीतर घुसकर जो कार्यवाही की है उसने इस अवैध शासन को स्तब्ध कर दिया है। 

हमास की सैनिक शाखा क़स्साम ब्रिगेड ने इस्राईल के विरुद्ध व्यापक स्तर पर राकेटों से हमले किये जिसके अंतर्गत कम से कम 5000 राकेटों की बारिश की गई। 

क़स्साम ब्रिगेड के कमांडर मुहम्मद अज़्ज़ैफ़ ने बताया कि हमास की इस कार्यवाही का नाम "अलअक़सा तूफान" है।उन्होंने कहा कि यह आपरेशन, अतिवादी यहूदियों द्वारा आए दिन मस्जिदुल अक़सा के विरुद्ध किये जाने वाले हमलों की प्रतिक्रिया में किया गया। इस हिसाब से यह हमला, मस्जिदुल अक़सा की सुरक्षा के उद्देश्य से किया गया। 

पिछले एक सप्ताह के दौरान अपने धार्मिक त्योहार के नाम पर अतिवादी यहूदियों ने कई बार मस्जिदुल अक़सा का अनादर किया जिसके कारण फ़िलिस्तीनियों से उनकी झड़पें हुईं।  इन झड़पों में कई फ़िलिस्तीनी घायल हुए थे। 

अलअक़सा तूफान की एक विशेष बात यह है कि इसने ज़ायोनी शासन को पूरी तरह से अचंभित कर दिया।  इसका मुख्य कारण यह है कि फ़िलिस्तीनियों की ओर से इस्राईल के विरुद्ध किसी भी हमले का कोई चिन्ह दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रहा था।  यही कारण है कि अलअक़सा तूफ़ान ने अवैध ज़ायोनी शासन को व्यापक स्तर पर नुक़सान पहुंचाया।  कहा यह जा रहा है कि पिछले 75 वर्षों के दौरान इस शासन ने इससे पहले एसी किसी भी कार्यवाही का अनुभव ही नहीं किया था। 

विशेष बात यह है कि हमास के इस आपरेशन ने अवैध ज़ायोनी शासन की सैन्य शक्ति और उसकी इंटैलिजेंस की पोल खोल कर रख दी।  हमास के प्रतिरोधकर्ताओं ने इस्राईल के विरुद्ध हमले में जल,थल और वायुसीमा का प्रयोग किया।  इस हमले में उन्होंने कई ज़ायोनियों को बंदी बना लिया।  इसके अतरिक्त भारी मात्रा में सैन्य उपकरणों को नष्ट कर दिया विशेषकर मरकावा टैंको को जिनपर इस्राईलियों को बहुत घमण्ड था। 

इस हमले में इस्राईल का आयरन डोम तो पूरी तरह से विफल सिद्ध हुआ।  फ़िलिस्तीनियों के राकेट, आयरन डोम को पार करके अपने लक्ष्यों तक पहुंचे।  हमास में हमले में इस्राईल का इंटैलिजेंस फेलियर केवल इसलिए नहीं है कि उसके राकेट वहां पर पहुंच गए बल्कि सबसे बड़ी बात यह है कि हमास के बहुत से सदस्य, इस्राईल के भीतर घुसकर उनकी छावनियों तक पहुंचे और वहां पर नियंत्रण बना लिया।  इसी के साथ कई सैनिकों को बंधक बनाया तथा बहुत सी बक्तरबंद गाड़ियों को अपने नियंत्रण में लिया और कई टैंकों को आग लगाई। 

यह हमला अक्तूबर 1973 के युद्ध की वर्षगांठ पर किया गया जिसमें अरबों को तुलनात्मक रूप में विजय मिली थी।  इस बात को अनेदखा करते हुए कि क्या यह कार्यवाही, सऊदी अरब के साथ इस्राईल के संबन्ध सामान्य करने की प्रक्रिया को रोक देगी, अलअक़सा तूफ़ान ने यह सिद्ध कर दिया है कि फ़िलिस्तीनी, अरब देशों द्वारा इस्राईल से संबन्ध सामान्य करने की प्रक्रिया से बिल्कुल भी प्रभावित नहीं हैं बल्कि इस प्रक्रिया ने उनको अधिक सशक्त करते हुए इस्राईल की सुरक्षा को अधिक ख़तरे में डाल दिया है।

हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए

हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कीजिए!

ट्वीटर पर हमें फ़ालो कीजिए 

फेसबुक पर हमारे पेज को लाइक करें।