ग़ज़ा युद्ध को एक महीना पूरा...इस्राईल के सामने 5 गंभीर चुनौतियां
इस्राईल पर सात अक्तूबर को जो गहरा वार लगा उससे वह अब तक उबर नहीं सका है, इस बीच वो ग़ज़ा पट्टी में भयानक रूप से नरसंहार कर रहा है जिसकी पूरी दुनिया में निंदा हो रही है मगर इस बीच ग़ज़ा पट्टी से इस्राईली क़ब्ज़े वाले इलाक़ों पर लगातार मिसाइल हमले हो रहे हैं। सवाल यह है कि इस्राईल के सामने क्या चुनौतियां हैं?
इस सवाल का जवाब देने की कोशिश इस्राईल के अख़बार जेरुज़लम पोस्ट ने अपनी डिबेट में की।
पहली चुनौती डिप्लोमैटिक सपोर्ट ख़त्म हो जाना
हमास ने 7 अक्तूबर को हमला किया तो उसके अगले दिन अनेक देशों ने इस्राईल से सहानुभूति जताई मगर एक महीना बीत जाने के बाद ग़ज़ा पट्टी में ज़ायोनी शासन की दरिंदगी की वजह से सारी दुनिया से इस्राईल पर दबाव डाला जा रहा है कि वो हत्याएं करना बंद करके संघर्ष विराम करे। यहां तक कि अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन भी मानवीय संघर्ष विराम की बात कर रहे हैं क्योंकि उन पर मतदाताओं की तरफ़ से भारी दबाव है क्योंकि बाइडन इस मसले में चुनाव गवां सकते हैं। अमरीका के युवा मतदाताओं में फ़िलिस्तीन का समर्थन ज़्यादा देखने में आ रहा है।
दूसरी चुनौती एंटी सेमिटिज़्म चरम पर पहुंच गया
जेरुज़लम पोस्ट का कहना है कि पूरी दुनिया में इंटरनेट पर यहूदियों और ज़ायोनियों के ख़िलाफ़ नफ़रत बहुत बढ़ गई है। एसीएएस सिस्टम ने जो इस विषय पर नज़र रखता है, बताया कि ज़ायोनियों के ख़िलाफ़ नफ़रत में 1200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
तीसरी चुनौती भारी डिप्रेशन
इस्राईल पर हमास के हमले से पहले भी यह समस्या थी कि ज़ायोनियों विशेष रूप से नई उम्र के बच्चों में डिप्रेशन की स्थिति थी जो इस हमले के बाद बहुत बढ़ गई है।
चौथी चुनौती आर्थिक मंदी
इस्राईल गंभी आर्थिक मंदी की चपेट में आ गया है। इस्राईल ने अपने 3 लाख 60 हज़ार रिज़र्व सैनिकों को मोर्चों पर तैनात कर दिया है। यह लोग अलग अलग उद्योगों को चलाते हैं। अब नई स्थिति में बहुत सारे उद्योग ठप्प हो गए हैं। 300 बड़े अर्थ शास्त्रियों ने प्रधानमंत्री नेतनयाहू को ख़त लिखकर मांग की है कि भयानक आर्थिक संकट के इलाज के लिए ज़रूरी है कि सारे ग़ैर ज़रूरी ख़र्चे फ़ौरन रोक दिए जाएं। अब यह तय है कि इस्राईल की प्राथमिकताएं बदल जाएंगी।
पांचवीं चुनौती वो जंग जिसका अंत मालूम नहीं
इस्राईल ग़ज़ा में ज़मीनी लड़ाई लड़ रहा है मगर जो स्थिति है उसे देखकर कुछ नहीं कहा जा सकता कि यह लड़ाई कब तक जारी रहेगी। हमास को ख़त्म करने का एलान सुनने में तो इस्राईलियों को अच्छ लगता है लेकिन इस लक्ष्य को पूरा कैसे किया जाएगा यह इस्राईल में किसी को नहीं मालूम है। समाज में हमास की भारी लोकप्रियता है और दूसरी तरफ़ उसके पास लगभग ढाई सौ इस्राईली क़ैदी के रूप में मौजूद हैं।
हमास ने कहा है कि इस्राईली हमलों की वजह से 60 क़ैदी लापता हैं इसका मतलब यह है कि अगर आप्रेशन इसी तरह जारी रहा तो शेष क़ैदियों की जान भी ख़तरे में पड़ जाएगी।
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