ग़ज़्ज़ा युद्ध के साथ ही सक्रिय होते कुछ मोर्चे
पश्चिम का समर्थन, इस्राईल को फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध हमले करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
ग़ज़्ज़ा पर इस्राईली सेना के चौतरफ़ा हमलों के दौरान समस्त अन्तर्राष्ट्रीय नियमों को पैरों तले कुचला जा रहा है।
अवैध ज़ायोनी शासन की ओर से ग़ज़्ज़ा में व्यापक स्तर पर युद्ध अपराध किये जाने के बावजूद पश्चिम विशेषकर अमरीका की ओर से उसका समर्थन जारी है। पश्चिम का यही समर्थन, इस्राईल को फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध हमले करने और अन्तर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन करने को प्रेरित कर रहा है।
ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के हमलों में अबतक कम से कम 11000 फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके हैं। इन शहीद फ़िलिस्तीनियों में अधिक संख्या बच्चों की है। ग़ज़्ज़ा पर ज़ायोनियों के हमलों में 30000 से अधिक फ़िलिस्तीनी घायल हो चुके हैं। ग़ज़्ज़ा में दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की कमी के कारण गंभीर रूप से घायल फ़िलिस्तीनियों के बचने की उम्मीद बहुत धूमिल हो चुकी है। ग़ज़्ज़ा की 23 लाख की आबादी में से 14 लाख फ़िलिस्तीनी बेघर हुए हैं। स्वभाविक सी बात है कि फ़िलिस्तीनियों की इस हालत को देखकर कोई भी इंसान उदासीन नहीं रह सकता।
ग़ज़्ज़ा युद्ध आरंभ होते ही संयुक्त राज्य अमरीका ने पूर्वी मेडिट्रेनियम सी में अपने दो विमान वाहक युद्धपोत भेज दिये थे। अमरीका ने यह काम, ग़ज़्ज़ा युद्ध को दूसरे क्षेत्रों में फैलने से रोकने के उद्देश्य से किया था। इसी बीच कई इस्लामी प्रतिरोधकर्ता गुट विभिन्न प्रकार से फ़िलिस्तीनियों विशेषकर ग़ज्ज़ावासियों का समर्थन कर रहे हैं। अमरीकी रक्षामंत्री ने जिस समय पूर्वी सीरिया में प्रतिरोधकर्ताओं के ठिकानों पर हवाई हमलों की सूचना दिये जाने के फौरन बाद अरबी भाषा के चैनेल अलमयादीन ने अपने स्थानीय रिपोर्टरों के आधार रिपोर्ट दी कि कोनिको आयल फील्ड में अमरीकी सैन्य छावनी पर हमला किया गया है।
यह हमला, अलमयादीन और अलबूकमाल शहरों के कुछ क्षेत्रों पर अमरीकी हमले के जवाब में किया गया। प्रतिरोधकर्ताओं ने अमरीकी छावनी पर 15 राकेट और मिसाइल फाएर किये। इस हमले के तुरंत बाद वहां से भीषण विस्फोट की आवाज़ें सुनाई दीं। अमरीकी सैन्य छावनी से मिलने वाली सूचना के आधार पर वहां ग्राड नाम आधुनिक मिसाइल से हमला किया गया। पिछले सप्ताह इराक़ के प्रतिरोधक गुट ने बयान जारी करके कोनिको नामक आयल फील्ड पर किये जाने वाले हमले की ज़िम्मेदारी स्वीकार की थी। इसी बीच अमरीकी रक्षामंत्रालय पेंटागन की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि पिछले 20 दिनों के दौरान हमलों में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
इन बातों से पता चलता है कि ग़ज़्ज़ा पर इस्राईल के चौतरफ़ा हमलों के साथ ही उसके विरुद्ध जहां एक ओर कई मोर्चे खुल गए हैं वहीं पर कुछ मोर्चे सक्रिय भी हुए हैं। एसे में कहा जा सकता है कि ग़ज़्ज़ा युद्ध को फ़ेलने से रोकने के अमरीका और इस्राईल के प्रयास व्यर्थ साबित हो रहे हैं।
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