हिज़्बुल्लाह ने 230 बार आतंकी इस्राइली सेना के ठिकानों पर किए हमले
अवैध ज़ायोनी शासन द्वारा फ़िलिस्तीन और लेबनान में किए जाने वाले जघन्य अपराधों के जवाब में ग़ज़्ज़ा युद्ध के आरंभ से अब तक लेबनान के लोकप्रिय जनांदोलन हिज़्बुल्लाह ने आतंकी इस्राईली सेना के ठिकानों पर 230 बार मिसाइलों, ड्रोन और भारी हथियारों से हमला किया है।
समाचार एजेंसी मेहर की रिपोर्ट के मुताबिक़, लेबनान की अलअहद वेबसाइट ने ग़ज़्ज़ा युद्ध के बारे में अपनी एक रिपोर्ट में यह कहा है कि यदि हम इस प्रदर्शन का संक्षेप में उल्लेख करना चाहते हैं, तो हम हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह के बयानों का उल्लेख कर सकते हैं, जिन्होंने कहा था कि लेबनानी मोर्चा लेबनान की सीमाओं पर आतंकी इस्राईली सेना के एक तिहाई बलों को रोके रखने में कामयाब रहा। इसके अलावा, ज़ायोनी नौसेना की आधी ताक़त भूमध्य सागर में तैनात थी, और इस शासन की एक चौथाई वायु सेना लेबनानी मोर्चे पर भी मौजूद थी। साथ ही, इस्राईल की आधी मिसाइल रक्षा प्रणालियों को लेबनानी मोर्चे पर निर्देशित किया गया था। इस दौरान 43 ज़ायोनी बस्तियां पूरी तरह खाली करा ली गईं। इस रिपोर्ट के अनुसार, लेबनान के हिज़बुल्लाह ने इस अवधि के दौरान 230 से अधिक बयान प्रकाशित किए हैं, जिसमें उन्होंने 206 ज़ायोनी सैन्य केंद्रों को निशाना बनाने और 24 हमलों की सूचना दी है। हिज़्बुल्लाह के ऑपरेशन की समय सीमा 9 अक्टूबर से शुरू हुई और यह सिलसिला लगातार जारी रहा और और उसमें तेज़ी आती गई।
5 नवंबर को, हिज़्बुल्लाह ने पहली बार ग्रैड मिसाइलों का इस्तेमाल किया और ग़ज़्ज़ा के लोगों और लेबनान के निर्दोष नागरिकों के ख़िलाफ़ ज़ायोनी दुश्मन के क्रूर अपराधों के जवाब में किरयात शमूने की चरमपंथी ज़ायोनी बस्ती को निशाना बनाया। इसके अलावा, 20 नवंबर को, लेबनानी प्रतिरोध ने पहली बार बुर्कान मिसाइलों का इस्तेमाल किया और इनमें से चार मिसाइलों को ज़ायोनी शासन के 91वें डिवीज़न के मुख्यालय, ब्रानिट सैन्य अड्डे पर दाग़ा। हिज़्बुल्लाह के ज़ायोनी विरोधी अभियान का चरम 23 नवंबर को था, जब लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध ने उस दिन 22 बयान जारी करके यह जानकारियां दीं कि उन्होंने सीमाओं और पूर्वी क्षेत्रों में ज़ायोनी दुश्मन के केंद्रों और सभाओं पर हमला किया है। इन हमलों में आतंकी इस्राईली सेना को भारी नुक़सान पहुंचा था। हिज़्बुल्लाह ने इन ऑपरेशनों में विभिन्न प्रकार के हथियारों का इस्तेमाल किया, जिसमें उनमें से केवल कुछ ही के बारे में जानकारी दी गई है। इस बीच अवैध आतंकी इस्राईली शासन ने हिज़्बुललाह के हमलों के परिणामस्वरूप होने वाले नुक़सान और मौतों की संख्या को गुप्त रखने की कोशिश की, लेकिन हिज़्बुल्लाह के युद्ध मीडिया कैमरों ने सीमा पर ज़ायोनी दुश्मन को होने वाली क्षति और मरने वालों की संख्या को रिकॉर्ड किया है। (RZ)
हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए
हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए