ग़ज़ा युद्ध से ज़ायोनीज़म का ख़तरनाक चेहरा सबके सामने आ गया
(last modified Fri, 12 Jul 2024 08:54:18 GMT )
Jul १२, २०२४ १४:२४ Asia/Kolkata
  • ग़ज़ा युद्ध से ज़ायोनीज़म का ख़तरनाक चेहरा सबके सामने आ गया

यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के महासचिव ने कहा है कि फ़िलिस्तीनियों पर होने वाले ज़ुल्म और इस्राईली अपराधों ने पूरी दुनिया के लोगों को झकझोर कर रख दिया है।

यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के महासचिव अब्दुल मलिक बद्रुद्दीन अल-हौसी ने गुरुवार को अपने भाषण में कहाः ग़ज़ा युद्ध मानवता के लिए एक वास्तविक परीक्षा है। फ़िलिस्तीनियों की पीड़ा और ज़ायोनियों के अपराध ने मानव समाज को जागरुक किया है, जिसमें सदियों से ज़ायोनीवाद का महिमामंडन किया जा रहा था।

उन्होंने पश्चिमी देशों द्वारा ज़ायोनी शासन के व्यापक और अंधे समर्थन की आलोचना करते हुए कहा कि इस्राईल के अपराधों पर चुप्पी का मतलब, मानव के अस्तित्व, मानवीय गरिमा और जीवन के अधिकार को बर्बाद करना है।

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यमन के नेता ने ज़ायोनी सेना के हाथों फ़िलिस्तीनियों के जनसंहार की निंदा करते हुए कहाः इस्राईली सेना उन क्षेत्रों में शरणार्थियों को निशाना बनाती है, जिन्हें वह सुरक्षित घोषित करती है। दर असल, इस तरह से वह निर्दोष और बेसहारा लोगों के लिए जाल बिछाते हैं।

यमनी क्रांति के नेता ने अपने भाषण में कहा कि पीड़ित अमरीका को यह हरगिज़ पसंद नहीं है कि क्षेत्रीय इस्लामी प्रतिरोध फ़िलिस्तीनी राष्ट्र का समर्थन करे।

उन्होंने यमन, इराक़ और लेबनान में प्रतिरोधी समूहों द्वारा फ़िलिस्तीनी राष्ट्र के समर्थन की सराहना करते हुए कहाः यमन, इराक़ और लेबनान के मोर्चों ने दुश्मन के ख़िलाफ़ युद्ध में नए मानक स्थापित किए हैं और समीकरणों को बदलकर रख दिया है।

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अल-हौसी ने यमनी दुश्मनों विशेष रूप से अमरीका को संबोधित करते हुए कहाः तुम्हारा हाथी चूहे से नहीं, बल्कि दहाड़ते हुए शेर से डरकर भाग खड़ा हुआ। यमनी सेना एक दहाड़ता हुआ शेर है, जो तम्हारा सामना करने के लिए तैयार है।

7 अक्टूबर, 2023 से, पश्चिमी देशों के पूर्ण समर्थन से, ज़ायोनी शासन ने फ़िलिस्तीन के असहाय और पीड़ित लोगों के ख़िलाफ़ गाजा पट्टी और वेस्ट बैंक में एक व्यापक युद्ध छेड़ रखा है। दूसरी ओर फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में लेबनान, इराक़, यमन और सीरिया के प्रतिरोधी समूह मैदान में हैं और वे ज़ायोनी शासन से उसके अपराधों का हिसाब मांग रहे हैं। msm

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