यमन में वाशिंगटन और अबू धाबी के बीच नई साज़िश क्या है?
(last modified Tue, 22 Apr 2025 13:31:14 GMT )
Apr २२, २०२५ १९:०१ Asia/Kolkata
  • यूएई राष्ट्रपति की अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाक़ात की तस्वीर
    यूएई राष्ट्रपति की अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाक़ात की तस्वीर

पार्सटुडे - यमन पर अमेरिकी हवाई हमलों में तेज़ी आने और रणनीतिक बंदरगाह हुदैदा पर संयुक्त अरब इमारात समर्थित बलों द्वारा ज़मीनी हमले की अफवाहों के साथ, लाल सागर क्षेत्र एक नए संकट के कगार पर है।

यमन पर अमेरिकी सैन्य हमले 15 मार्च, 2025 को शुरू हुए। अंसारुल्लाह को कमज़ोर करने और क्षेत्र में वाशिंगटन के हितों की रक्षा करने के उद्देश्य से शुरू किए गए इन हमलों ने यमन के सैन्य और आर्थिक बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया है और देश में नागरिक हताहतों और मानवीय संकट को बढ़ावा दिया है।

वॉल स्ट्रीट जर्नल ने सोमवार को बताया कि यूएई समर्थित दक्षिणी अंतरिम परिषद के सैनिकों द्वारा हुदैदा और सना जैसे प्रमुख प्रांतों पर जमीनी हमले की संभावना बढ़ गई है।

ये सेनाएं, अमेरिकी सेंट्रल कमांड के हवाई समर्थन से, हुदैदा के रणनीतिक बंदरगाह पर क़ब्ज़ा करने के लिए एक जोखिम भरे ऑपरेशन की तैयारी कर रही हैं जो लाल सागर तक यमन का एकमात्र मुख्य मार्ग है।

 

पार्सटुडे का यह लेख हुदैदा बंदरगाह के महत्व और यमन पर जमीनी हमले के संभावित परिणामों पर एक नज़र डालता है।

 

यमन की लाइफ़ लाइन अल-हुदैदा

यमन की राष्ट्रीय साल्वेशन सरकार द्वारा नियंत्रित हुदैदा बंदरगाह न केवल एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग है, बल्कि देश में मानवीय सहायता पहुंचाने का मुख्य मार्ग भी है।

हुदैदा की नाकेबंदी से लाखों यमनियों के लिए अकाल और दवा की कमी का ख़तरा पैदा हो गया है तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि इस क़दम से मानवीय संकट और बढ़ जाएगा।

 

क्षेत्रीय खिलाड़ियों के परस्पर विरोधी हित

 

दक्षिणी अंतरिम परिषद का समर्थन करके, यूएई लाल सागर में अपना प्रभाव मज़बूत तथा सऊदी अरब के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहता है।

इसके विपरीत, सउदी अरब, जिसने यमन के साथ आठ साल के युद्ध के अनुभव से सीख ली है, एक नया साहसिक क़दम उठाने का कुछ इरादा ही नहीं रखता। हितों के इस टकराव ने दो पारंपरिक अमेरिकी सहयोगियों के बीच सहयोग को जटिल बना दिया है।

 

व्यापक क्षेत्रीय परिणाम

 

बाबुल मंदब स्ट्रेट पर नियंत्रण के कारण यमन वैश्विक ऊर्जा बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। निरंतर संघर्ष से यह महत्वपूर्ण गलियारा बाधित हो सकता है और ऊर्जा की कीमतें आसमान पर पहुंच सकती हैं।

दूसरी ओर, यमन में लोकप्रिय प्रतिरोध मजबूत हुआ है और विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ आंतरिक एकता बढ़ी है। विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि राजनीतिक समाधान के बिना, ये संघर्ष न केवल यमन को अस्थिर करेंगे, बल्कि युद्ध फैलने का भी खतरा पैदा करेंगे।

 

प्रतिरोध के मोर्चे में अंसारुल्लाह की भूमिका

 

तूफ़ान अल-अक़्सा की लड़ाई ने ज़ाहिर कर दिया कि अंसारुल्लाह लाल सागर में प्रतिरोध के मोर्चे का प्रमुख खिलाड़ी है। क्षेत्र में 350 से अधिक आप्रेशन्ज़ के साथ, यमनियों ने व्यापारिक जहाजों के मार्ग बदल दिए हैं तथा मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन में ईलात बंदरगाह को ठप्प कर दिया है।

इन कार्रवाइयों की वजह से अमेरिका सीधे संघर्ष में शामिल हो गया है तथा इज़राइल के प्रतिनिधि के रूप में यमन के ठिकानों पर बमबारी कर रहा है।

अंततः, यह कहा जा सकता है कि हुदैदा पर संभावित हमला अमेरिका और यूएई के लिए एक ख़तरा भरा जुआ है, जिससे युद्ध, मानवीय संकट और व्यापक क्षेत्रीय तनाव पैदा हो सकता है। (AK)

 

कीवर्ड्ज़: यमन, अमरीका, यमन पर अमरीकी हमला, इस्राईल, इज़राइल

 

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