ग़ज़ा में भूखमरी से लेकर यमन के बेन गुरियन हवाई अड्डे पर सफल हमले और इज़राइलियों के बीच मतभेदों के बढ़ने तक
(last modified Mon, 05 May 2025 09:44:22 GMT )
May ०५, २०२५ १५:१४ Asia/Kolkata
  • बेन गुरियन हवाई अड्डे पर यमन के कामयाब हमले की तस्वीर
    बेन गुरियन हवाई अड्डे पर यमन के कामयाब हमले की तस्वीर

पार्सटुडे - ग़ज़ा युद्ध विराम का उल्लंघन करके, पश्चिमी तट पर हमलों को बढ़ाकर और सीरिया पर आक्रमण करके, ज़ायोनी शासन ने क्षेत्र को असुरक्षा और मानवीय आपदा की ओर धकेल दिया है।

फ़िलिस्तीनी और यमनी प्रतिरोध ने इन अपराधों की निंदा की है और अरब राष्ट्रों की एकता का आह्वान किया है।

18 मार्च 2025 को, इज़राइली शासन ने युद्धविराम समझौते का उल्लंघन करते हुए, ग़ज़ा पर व्यापक हमलों और क्षेत्र के लोगों के खिलाफ घेराबंदी का एक नया दौर शुरू किया।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार, फिलीस्तीन की अल-हक़ संस्थान के निदेशक शअवान जब्बारीन ने ज़ायोनियों के बढ़ते अपराधों का उल्लेख करते हुए ग़ज़ा को "नरक" क़रार दिया जो 60 दिनों से भीषण घेराबंदी, योजनाबद्ध भुखमरी और बंद क्रॉसिंग का सामना कर रहा है।

श्री जब्बारीन ने कहा, भूख के राक्षस ने हज़ारों नागरिकों की जान ले ली है तथा बच्चे, बीमार और गर्भवती महिलाएं खतरे में हैं।

ग़ज़ापट्टी में सरकारी सूचना कार्यालय के महानिदेशक इस्माईल अल-सवाबेता ने इस संबंध में कहा, क़ब्ज़ाधारी 29 चैरिटी केंद्रों और 37 खाद्य वितरण केंद्रों पर बमबारी करके भूख को युद्ध के हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

फ़िलिस्तीन में संयुक्त राष्ट्र संघ के बाल कोष (यूनिसेफ) के प्रवक्ता काज़िम अबू खलफ ने भी ग़ज़ा पट्टी में मानवीय संकट की चेतावनी देते हुए कहा कि व्यापक कुपोषण की वजह से दर्जनों बच्चों की जान जा चुकी है तथा सैकड़ों गर्भवती महिलाओं के लिए ख़तरा पैदा हो गया है।

श्री अबू खलफ के अनुसार, हालिया दिनों में दर्जनों बच्चे कुपोषण से मर चुके हैं और एक हजार से अधिक गर्भवती महिलाओं की जान खतरे में है।

 

ग़ज़ा और पश्चिमी तट पर अपराधों में वृद्धि

 

ग़ज़ायुद्ध के पुनः आरंभ होने के 48वें दिन इज़राइली शासन के हमलों के परिणामस्वरूप खान यूनिस में छह फिलिस्तीनी शहीद हो गए तथा जेबालिया और अल-मवासी में दर्जनों लोग घायल हो गए।

फ़िलीस्तीन की आज़ादी के जनांदोलन ने ग़ज़ा में अराजकता के लिए ज़ायोनी शासन को जिम्मेदार ठहराया और घोषणा की: कब्ज़ा करने वाले ग़ज़ा पुलिस पर बमबारी करके असुरक्षा फैला रहे हैं, इस मोर्चे ने लोकप्रिय संरक्षण समितियों के गठन का आह्वान किया। पश्चिमी तट पर जेनिन और तूलकर्म पर हमलों के परिणामस्वरूप 22 हज़ार  लोग विस्थापित हुए और 106 इमारतें नष्ट हो गईं।

 

ज़ायोनी शासन के अपराधों पर यमनी प्रतिरोध का जवाब

 

इज़रायली शासन के अपराधों के जवाब में, यमनी सशस्त्र बलों ने रविवार की सुबह एक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल से तेल अवीव में बेन गुरियन हवाई अड्डे को निशाना बनाया। इज़राइली सूत्रों ने बताया कि इस मिसाइल के फ़ायर होने के बाद तेल अवीव, अधिकृत बैतुल मुक़द्ददस और पश्चिमी तट की बस्तियों में सायरन बजने लगे। इज़राइली मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, दो डिफेंस सिस्टम्स, "हैट्स 3" और "थाड", यमनी मिसाइल को रोकने और नष्ट करने में नाकाम रहे।

इस संबंध में यमनी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता यहिया सरी ने कहा, हमले ने अमेरिकी और इज़राइली डिफ़ेंस सिस्टम को विफल कर दिया और हवाई अड्डे के परिचालन को एक घंटे से अधिक समय तक के लिए बाधित कर दिया।  श्री यहिया सरी ने इस बात पर जोर दिया कि: यमन तब तक प्रतिरोध आंदोलन और फिलिस्तीनी जनता का समर्थन करता रहेगा जब तक ग़ज़ा में अपराध बंद नहीं हो जाते और घेराबंदी समाप्त नहीं हो जाती।

 

सैन्य नाकामी और ज़ायोनियों का आंतरिक संकट

 

इज़रायली सूत्रों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, ज़ायोनी शासन को सैनिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर, ग़ज़ा युद्ध को बढ़ाने के लिए 60 हज़ार रिजर्व सैनिकों की मांग को लेकर सेना में असंतोष फैला हुआ है। इस्राईली अख़बार येदियेत अहारोनोत ने इस संबंध में लिखा: कई सैनिक अपनी सेवा छोड़ रहे हैं और उनके सब्र का बांध टूट रहा है।

ज़ायोनी कैदियों के परिवारों ने भी प्रदर्शन किया और नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि वे मंत्रिमंडल को बचाने के लिए युद्ध को लम्बा खींचकर क़ैदियों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। उन्होंने कहा: क़ैदियों को बचाने का एकमात्र तरीका नेतन्याहू के मंत्रिमंडल को उखाड़ फेंकना है।

इसके अलावा, रफ़ह में हुए बम विस्फोट में दो इजरायली सैनिक मारे गए और चार अन्य घायल हो गए। जेरूसलम पोस्ट ने बताया: अक्टूबर 2023 से, 849 इजरायली सैनिक मारे गए हैं और 5 हज़ार 806 घायल हुए हैं जबकि 1973 के बाद से यह एक अभूतपूर्व आंकड़ा है।

 

सीरिया पर इज़राइल का हमला

 

फिलिस्तीन के जिहादे इस्लामी ने सीरिया पर ज़ायोनी शासन के हमलों की निंदा की तथा इसे क्षेत्र को विभाजित करने की विस्तारवादी योजना का हिस्सा बताया। आंदोलन ने कहा: ये हमले, अरब और इस्लामी राष्ट्रों को निशाना बनाते हैं और कोई भी देश सुरक्षित नहीं है। सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने रिपोर्ट दी: ज़ायोनी शासन ने 2025 में सीरिया पर 52 हमले किए जिनमें से 44 हवाई थे। (AK)

 

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