आंतरिक मतभेदों से लेकर अंतर्राष्ट्रीय समर्थन में कमी तक, ग़ाज़ा युद्ध ने इज़रायल का क्या हाल किया? 
(last modified Wed, 28 May 2025 12:50:41 GMT )
May २८, २०२५ १८:२० Asia/Kolkata
  • ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतन्याहू
    ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतन्याहू

पार्स टुडे - एक राजनीतिक और रणनीतिक विश्लेषक ने ज़ायोनी शासन के राजनीतिक और सैन्य अधिकारियों के बीच ग़ाज़ा युद्ध को लेकर गहरे मतभेदों का हवाला देते हुए कहा कि पश्चिमी जनमत में अतिग्रहणकारियों के अपराधों को सही ठहराने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला "यहूदी-विरोधी" का हथियार अब कमजोर पड़ गया है। 

पार्स टुडे की रिपोर्ट के अनुसार तलाल अतरिसी ने ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में ग़ाज़ा में इज़राइली अतिग्रहणकारियों द्वारा किए गए नरसंहार को विशुद्ध रूप से राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित बताया, जिसने इस शासन की सेना के भीतर बढ़ती असंतोष की स्थिति पैदा कर दी है। 

 

उन्होंने आगे कहा कि इज़रायली सेना के पूर्व कमांडर सीधे तौर पर नेतन्याहू पर सेना का राजनीतिक और व्यक्तिगत लाभ के लिए इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहे हैं और यह जायोनी शासन के इतिहास में अभूतपूर्व है। यह इस शासन के राजनीतिक और सैन्य अधिकारियों के बीच बढ़ते मतभेदों को दर्शाता है।" 

 

इस राजनीतिक विश्लेषक ने स्पष्ट किया कि नेतन्याहू अब तक अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल रहे हैं और यह फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध, विशेष रूप से हमास की दृढ़ता के कारण हुआ है। इसी वजह से उन्होंने दबाव बनाने के लिए महिलाओं और बच्चों सहित नागरिकों को निशाना बनाया है।

 

उन्होंने आगे कहा: "ज़ायोनी शासन ने अपने कई रणनीतिक लाभ खो दिए हैं। वह कथा जिसे वह इस क्षेत्र में अपनी 'प्राकृतिक उपस्थिति' के रूप में स्थापित करना चाहता था, अरब और क्षेत्रीय जनता के बढ़ते विरोध के कारण ध्वस्त हो गई है।" 

 

अतरिसी ने कहा: "यहूदी-विरोध का वह हथियार, जिसका इस्तेमाल अतिग्रहणकारी हमेशा अपनी नीतियों को सही ठहराने के लिए करते थे, अब फ़ीका पड़ गया है। जनमत, विशेष रूप से पश्चिम में, बदल गया है। साथ ही अंतर्राष्ट्रीय अदालतों में अतिग्रहणकारी नेताओं को दंडित करने की मांगें भी बढ़ रही हैं।" 

 

जायोनी शासन ने 7 अक्टूबर 2023 से ग़ाजा पट्टी के खिलाफ युद्ध शुरू किया था जिसके दो मुख्य लक्ष्य थे: हमास आंदोलन को खत्म करना और जायोनी कैदियों को वापस लाना लेकिन वह इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल रहा और अंततः हमास के साथ बंदियों के आदान-प्रदान का समझौता करने के लिए मजबूर हो गया। mm