इज़राइली सेना बुरी तरह कमज़ोर हुई है
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पार्स टुडी - जायोनी अखबार 'मआरीव' ने इज़राइली सेना की फौजी ताक़त के कमज़ोर होने की बात स्वीकार की है।
(last modified 2025-08-04T14:08:22+00:00 )
Aug ०४, २०२५ १६:५९ Asia/Kolkata
  • इज़राइली सेना बुरी तरह कमज़ोर हुई है
    इज़राइली सेना बुरी तरह कमज़ोर हुई है

पार्स टुडी - जायोनी अखबार 'मआरीव' ने इज़राइली सेना की फौजी ताक़त के कमज़ोर होने की बात स्वीकार की है।

जायोनी अखबार 'मआरीव' ने इज़राइली सेना के अधिकारियों और राजनीतिक सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि ग़ज़ा पट्टी में हमास के खिलाफ सैन्य दबाव बेकार साबित हो रहा है और मोर्चे पर तैनात सैनिक बुरी तरह थक चुके हैं, उनकी क्षमता घट गई है। पार्सटुडे के अनुसार, मआरीव ने जायोनी शासन के एक रिज़र्व सेना अधिकारी के बयान का ज़िक्र करते हुए लिखा: "सैन्य प्रयास विफल रहे हैं और ग़ज़ा में सैन्य दबाव से कोई बदलाव नहीं आएगा। हमास ने गुरिल्ला युद्ध के जरिए, जो सालों तक चल सकता है, इज़राइली सेना से भारी कीमत वसूली है।

 

अखबार ने ग़ज़ा पट्टी में युद्ध के भविष्य को लेकर जायोनीस्त व्यवस्था के राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व के बीच मतभेदों का जिक्र करते हुए बताया कि इजरायली सेना के चीफ ऑफ स्टाफ 'ईयाल ज़ामीर' कई दिनों से ग़ज़ा में युद्ध जारी रखने के लिए योजनाओं पर चर्चा करने हेतु एक बैठक बुलाने की मांग कर रहे हैं।

 

अखबार के मुताबिक, इजराइली प्रधानमंत्री 'बेंजामिन नेतन्याहू' इस बैठक से बच रहे हैं और ग़ज़ा युद्ध से जुड़ी योजनाओं को पेश करने और मंजूरी देने में बाधाएं डाल रहे हैं।

 

जायोनी सेना ने लगभग दो साल से ग़ज़ा पट्टी के खिलाफ युद्ध छेड़ रखा है और इस क्षेत्र के लोगों का नरसंहार किया है। इस दौरान हजारों फिलिस्तीनी नागरिक शहीद हो चुके हैं, घायल हुए हैं या लापता हैं। ग़ज़ा पट्टी की घेराबंदी के कारण यहां भुखमरी फैल गई है।

 

मानवाधिकार संगठनों ने ज़ोर देकर कहा है कि इज़राइली व्यवस्था ग़ज़ा पट्टी में फिलिस्तीनी जनता को घेराबंदी और भूखा रखने की नीति को हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है।

 

ग़ज़ा पट्टी में हो रहे इन अत्याचारों और भुखमरी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोध प्रदर्शन और निंदा की लहर उठी है।

 

लगभग दो साल के युद्ध के बावजूद, जायोनी सेना अपने घोषित लक्ष्यों - हमास को नष्ट करने और ग़ज़ा से जायोनी क़ैदियों को वापस लाने में विफल रही है।

 

कई सैन्य और राजनीतिक अधिकारियों, विश्लेषकों और जायोनी व्यवस्था के सैन्य विशेषज्ञों ने ग़ज़ा युद्ध में इजरायली सेना के भारी नुकसान और थकावट तथा इसके परिणामों, जैसे कि जायोनीस्त सैनिकों द्वारा आत्महत्याओं, के बारे में चेतावनी दी है और युद्ध को समाप्त करने की मांग की है। (AK)

 

कीवर्ड्ज़: इज़राइल, वेस्टबैंक, फ़िलिस्तीन, ज़ायोनी शासन

 

 

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