क्या इज़राइली शासन अंदरूनी तौर पर ख़त्म हो रहा है?
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पार्स-टुडे - ग़ाज़ा पर इज़राइली आक्रमण की शुरुआत से और विशेष रूप से 7 अक्टूबर 2023 के हमलों के बाद फ़िलिस्तीन के अतिग्रहित क्षेत्रों से बाहर पलायन की दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
(last modified 2025-08-17T12:00:25+00:00 )
Aug १३, २०२५ १८:४९ Asia/Kolkata
  • क्या इज़राइली शासन अंदरूनी तौर पर ख़त्म हो रहा है?

पार्स-टुडे - ग़ाज़ा पर इज़राइली आक्रमण की शुरुआत से और विशेष रूप से 7 अक्टूबर 2023 के हमलों के बाद फ़िलिस्तीन के अतिग्रहित क्षेत्रों से बाहर पलायन की दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

फ़ार्स न्यूज़ एजेंसी ने हाल ही में लिखा कि ग़ाज़ा में युद्ध शुरू होने के बाद, और विशेष रूप से 7 अक्टूबर 2023 के हमलों के बाद, बाहर पलायन की दर में वृद्धि हुई है। यह पलायन मुख्यतः शिक्षित और तकनीकी, चिकित्सा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के विशेषज्ञों का है। पार्स-टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, एक वर्ष में 82,000 से अधिक इज़राइली विशेषज्ञ और विद्वान फ़िलिस्तीन के अतिग्रहित क्षेत्रों को छोड़ चुके हैं।

 

पलायन करने वाले मुख्य रूप से 25 से 44 वर्ष के युवा हैं, जो वैज्ञानिक, तकनीकी और पेशेवर समूहों से आते हैं और राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक कारणों से फ़िलिस्तीन के अवैध क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों को छोड़ने का निर्णय लेते हैं।

 

नॉबेल पुरस्कार विजेता और इज़राइली वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर आरोन चिखानोफर ने इस पलायन की लहर के बारे में चेतावनी देते हुए कहा: "यदि केवल 30,000 प्रमुख विशेषज्ञ इज़राइल छोड़ दें, तो इज़राइल का भविष्य वास्तव में समाप्त हो जाएगा।"

 

वे इस स्थिति का मुख्य कारण नेतन्याहू की दक्षिणपंथी सरकार की अतिवादी नीतियों और लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने को मानते हैं, जिससे समाज के अग्रणी वर्गों को असुरक्षा और निर्बलता का अनुभव हुआ।

 

साथ ही विशेषज्ञों के पलायन के साथ-साथ, कब्ज़े वाले क्षेत्रों से पूंजी के बाहर जाने की प्रवृत्ति भी चिंताजनक रूप से बढ़ी है। रिपोर्टों के अनुसार, 2024 के पहले छह महीनों में, इज़राइली लोगों ने 7 अरब डॉलर से अधिक की पूंजी विदेश भेजी, जो पिछले तीन वर्षों की तुलना में दोगुनी राशि है।

 

इज़राइली अधिकारियों के अनुसार, यह स्थिति ग़ाज़ा में युद्ध, न्यायिक सुधारों और वरिष्ठ प्रबंधकों के निष्कासन के कारण उत्पन्न हुई है, जिससे इज़राइल की आर्थिक और राजनीतिक स्थिरता में विश्वास गंभीर रूप से कमजोर हुआ है। कई धनी और निवेशक अपनी संपत्तियों को बाहर भेजकर वहां निवेश करना पसंद कर रहे हैं। MM