7 अक्टूबर ऑपरेशन का चमत्कार, अल-अक्सा का तूफ़ान
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पार्सटुडे – 7 अक्टूबर से दो साल बीत चुके हैं और आज किए गए सभी अपराधों के बावजूद फ़िलिस्तीन का मुद्दा दुनिया का प्रमुख मुद्दा बन गया है, एक ऐसा विषय जो 6 अक्टूबर 2023 को भुला दिए जाने के कगार पर था।
(last modified 2025-10-09T13:31:16+00:00 )
Oct ०९, २०२५ १८:५९ Asia/Kolkata
  • अल-अक्सा का तूफ़ान, ज़ायोनिज़्म का अंत
    अल-अक्सा का तूफ़ान, ज़ायोनिज़्म का अंत

पार्सटुडे – 7 अक्टूबर से दो साल बीत चुके हैं और आज किए गए सभी अपराधों के बावजूद फ़िलिस्तीन का मुद्दा दुनिया का प्रमुख मुद्दा बन गया है, एक ऐसा विषय जो 6 अक्टूबर 2023 को भुला दिए जाने के कगार पर था।

फ़िलिस्तीनी लोग सत्तर वर्षों से ज़ायोनी शासन के अत्याचारों का सामना कर रहे हैं। इस दौरान विभिन्न फ़िलिस्तीनी समूहों ने इस अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए संगठन बनाए। पीढ़ी दर पीढ़ी फ़िलिस्तीनियों ने संघर्ष का झंडा ऊँचा रखा ताकि आने वाली पीढ़ियाँ न भूलें कि उनकी ज़मीन पर कब्ज़ा हुआ है और इसे वापस लेना उनका अधिकार है।

 

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार 7 अक्टूबर 2023 का ऑपरेशन “अल-अक्सा का तूफ़ान” फ़िलिस्तीनियों के इस संघर्ष में सबसे महत्वपूर्ण अभियानों में से एक था। क्योंकि फ़िलिस्तीन और पूरे क्षेत्र के लिए कुछ शातिर योजनाएँ बनाई गई थीं जिन्हें इस तूफ़ान ने नष्ट कर दिया और बच्चे मारने वाले ज़ायोनी शासन का असली चेहरा उजागर किया। इसके बाद किए गए सभी बहानों और दिखावे ने भी कब्ज़ेदार शासन को शुद्ध नहीं किया।

 

7 अक्टूबर 2023 का ऑपरेशन इतना बड़ा था कि शुरुआत में कुछ लोगों को शक हुआ कि क्या यह काम स्वयं इज़राइल ने किया है! यह सवाल इसलिए उठता था क्योंकि इज़राइल के इतिहास में इस तरह की व्यापक हार नहीं हुई थी। आंतरिक और बाहरी संघर्षों के दौरान भी कोई अभियान इज़राइल पर इतनी शर्मनाक हार थोप नहीं सका था लेकिन समय ने दिखाया कि यह ऑपरेशन पूरी तरह फ़िलिस्तीनी सोच और योजना का परिणाम था, जो फ़िलिस्तीन की रक्षा और इस्लामिक दुनिया के लाभ के लिए किया गया।

 

इस संबंध में इस्लामी क्रांति के नेता ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की:

अल-अक्सा का तूफ़ान ठीक उस समय हुआ जब क्षेत्र को इसकी आवश्यकता थी! अमेरिका ज़ायोनी तत्व और उसके सहयोगी तथा कुछ क्षेत्रीय देश एक व्यापक योजना तैयार कर रहे थे, जिससे क्षेत्रीय संबंध और समीकरण उनके अनुसार तय किए जाएँ और इसका अर्थ ज़ायोनी शासन का पश्चिमी एशिया और पूरे इस्लामिक विश्व पर नियंत्रण था। यह योजना अपने अंतिम चरण में थी, यानी बस इसे लागू करना बाकी था। इसी संवेदनशील समय में अल-अक्सा का हमला शुरू हुआ और दुश्मन की सभी योजनाएँ नष्ट कर दीं। यह ऑपरेशन एक चमत्कार जैसा था। इज़राइल का अब गुस्सा और पागलपन इसलिए है क्योंकि अल-अक्सा का तूफ़ान ने दुश्मन की सभी योजनाओं को असफल कर दिया।

 

तेहरान के अख़बार ईरान ने सवाल उठाया कि एक फ़िलिस्तीनी ने अल-अक्सा का तूफ़ान क्यों किया? इसका जवाब यह है कि 6 अक्टूबर 2023 की स्थिति को समझना ज़रूरी है। फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध ने आश्चर्य का तत्व इस्तेमाल कर एक अभियान शुरू किया जिसका मुख्य उद्देश्य इज़राइल को नष्ट करना नहीं, बल्कि अपनी बका था। फ़िलिस्तीन और फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध ने 7 अक्टूबर को उस स्थिति में यह कदम उठाया जब वे धीरे-धीरे विनाश के अंतिम चरण में पहुँच रहे थे। इस तरह अल-अक्सा का तूफ़ान दुश्मन की फ़िलिस्तीन और क्षेत्रीय परियोजनाओं को स्थगित करने का एक पूर्वसक्रिय प्रयास था।

 

आज यह स्पष्ट हो गया है कि इज़राइल द्वारा ग़ाज़ा में किए गए नरसंहार ने दिखा दिया कि यह शासन बड़ी हार का सामना कर चुका है और उसकी बड़ी योजना नाकाम हो गई है। इसके परिणामस्वरूप, भले ही ज़ायोनी कब्ज़ेदार को पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका का समर्थन अभी भी प्राप्त है, लेकिन अब उसका दुनिया की जनता में कोई सम्मान नहीं रहा। इसका अर्थ है कि 7 अक्टूबर की वजह से ज़ायोनी शासन का अंत हुआ। MM