पश्चिम के अपराधों का दोहराया जाना: सीरिया में अमेरिका के अत्याचार
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अमेरिकी बमबारी के बाद बर्बादी का मंज़र रक्का शहर
पार्सटुडे: अमेरिका साल 2014 से आईएसआईएस के खिलाफ लड़ाई के बहाने सीरिया में घुसा है और इस देश में असंख्य अत्याचार किए हैं।
पार्सटुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने साल 2014 में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाकर सीरिया में प्रवेश किया। हालांकि इस सैन्य हस्तक्षेप का घोषित उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना था, लेकिन इसके विनाशकारी परिणाम सामने आए, जिससे सैन्य कब्जा, बुनियादी ढांचे का विनाश और मानवाधिकारों का व्यापक उल्लंघन हुआ। दरअसल, सीरिया में अमेरिका के अत्याचारों ने न सिर्फ मानवीय और आधारभूत ढांचे को बर्बाद किया, बल्कि इसके पूरे क्षेत्र और दुनिया पर गहरे भू-राजनीतिक और मानवाधिकार संबंधी नतीजे हुए। सीरिया में अपने सैन्य हस्तक्षेप के दौरान अमेरिका ने कई जघन्य अपराध किए, जिनमें आम नागरिकों की हत्या, बुनियादी ढांचों का विनाश, संसाधनों की लूट और दुर्बल करने वाले आर्थिक प्रतिबंध शामिल हैं, जिन्हें आधिकारिक और मानवाधिकार आंकड़ों ने दस्तावेज किया है।
व्यापक बमबारी और नागरिक हत्याएं
रक्का, दैर अल-ज़ोर और हसाका जैसे शहरों में अमेरिकी हवाई अभियानों के दौरान हजारों नागरिक मारे गए या घायल हुए। साल 2017 में, अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन बलों ने आईएसआईएस से रक्का शहर को वापस लेने के लिए एक बड़ा अभियान शुरू किया। अमेरिकी हवाई हमलों के दौरान, रक्का और दैर अल-जोर प्रांतों में दर्जनों अस्पताल, स्कूल और जल संयंत्र नष्ट हो गए।
संयुक्त राष्ट्र ने घोषणा की कि गठबंधन की बमबारी से रक्का के 90% शहरी बुनियादी ढांचे नष्ट हो गए। सीरिया की आधिकारिक और मानवाधिकार संस्थाओं की रिपोर्टें दर्शाती हैं कि अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन ने रक्का में प्रतिबंधित हथियारों के इस्तेमाल और आवासीय क्षेत्रों को निशाना बनाने सहित युद्धापराध किए।
इन हमलों के कई पीड़ित बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग थे जो गैर-सैन्य इलाकों में रह रहे थे। ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट के अनुसार, इस अभियान में 1,600 से अधिक नागरिक मारे गए, जिनमें से कई बेमतलब हवाई हमलों में अपनी जान गंवा बैठे।
जीवनरक्षक बुनियादी ढांचों का विनाश
अमेरिकी हवाई हमलों ने आईएसआईएस के नियंत्रण वाले इलाकों में अस्पतालों, स्कूलों, पुलों और जल प्रणालियों को तबाह कर दिया। इन विनाशों ने न सिर्फ लोगों के जीवन को अस्त-व्यस्त किया, बल्कि तत्कालीन सीरियाई सरकार के लिए युद्ध के बाद पुनर्निर्माण को मुश्किल बना दिया। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इन कार्रवाइयों का सैन्य लक्ष्य से ज्यादा, तत्कालीन सीरियाई राष्ट्रपति बश्शार अल-असद की सरकार को कमजोर करने का उद्देश्य था।
सीरिया के तेल संसाधनों की लूट
अमेरिकी सैनिकों ने सीरिया के पूर्वी तेल-समृद्ध इलाकों, खासकर हसाका प्रांत में, तेल क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिका स्थानीय अर्ध-सैनिक बलों के साथ मिलकर सीरियाई तेल का दोहन और तस्करी कर रहा था। तत्कालीन सीरियाई सरकार ने इन कार्यों को राष्ट्रीय संसाधनों की लूट और देश की संप्रभुता की स्पष्ट अवहेलना करार दिया। सीरिया के तेल मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, इन इलाकों से प्रतिदिन लगभग 80,000 बैरल तेल विदेश भेजा जा रहा था, जो सालाना 2 अरब डॉलर से अधिक की चोरी के बराबर था।
आर्थिक प्रतिबंध और सीजर अधिनियम
अमेरिका ने 2019 में "सीजर अधिनियम" पारित कर सीरिया के खिलाफ सख्त आर्थिक प्रतिबंध लगाए। इन प्रतिबंधों में वित्तीय लेनदेन पर प्रतिबंध, संपत्तियों को फ्रीज करना और सीरियाई सरकार से जुड़े संस्थानों को दंडित करना शामिल था। इन प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप गरीबी बढ़ी, दवाओं और खाद्य पदार्थों की कमी हुई, और सीरिया के आम लोगों पर गंभीर दबाव पड़ा। इन प्रतिबंधों के कारण दवाओं और खाद्य पदार्थों की कीमतों में 300% की वृद्धि हुई और सीरिया की राष्ट्रीय मुद्रा का मूल्य तेजी से गिर गया।
अंतर्राष्ट्रीय और कानूनी प्रतिक्रियाएं
तत्कालीन सीरियाई सरकार ने संयुक्त राष्ट्र में बार-बार अमेरिका पर युद्ध अपराध करने और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे मानवाधिकार संगठनों ने भी सीरिया में अमेरिका की कार्रवाइयों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। हालांकि, अमेरिका के राजनीतिक प्रभाव के कारण, अब तक उसके खिलाफ कोई अंतर्राष्ट्रीय कानूनी कार्रवाई नहीं हुई है।
नतीजा: अमेरिकी हस्तक्षेप की खूनी विरासत
सीरिया में अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप ने न केवल आईएसआईएस की हार सुनिश्चित करने में विफल रहा, बल्कि इसने व्यापक विनाश, मानवीय हताहत, संसाधनों की लूट और राजनीतिक अस्थिरता को जन्म दिया। ये कार्य सीरियाई लोगों की ऐतिहासिक स्मृति में मानवता के खिलाफ स्पष्ट अपराध के रूप में दर्ज हैं और इसके परिणाम अभी भी क्षेत्र में महसूस किए जा रहे हैं। ये कार्य न केवल अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन थे, बल्कि इनके सीरियाई लोगों के लिए व्यापक मानवीय और आर्थिक परिणाम हुए हैं। (AK)
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