फ़ल्लूजा में शिया-सुन्नी एकता का प्रदर्शन
आतंकी गुट दाइश से इराक़ के फ़ल्लूजा नगर की स्वतंत्रता के बाद इस नगर की पहली नमाज़ जुमा शिया व सुन्नी मुसलमानों ने संयुक्त रूप से आयोजित की।
फ़ल्लूजा में शिया व सुन्नी मुसलमानों ने धार्मिक एकता का प्रदर्शन करते हुए एकजुट हो कर नमाज़े जुमा इस शहर की जामा मस्जिद में अदा की। इराक़ में सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड के प्रमुख अब्दुल लतीफ़ हमीम ने इस अवसर पर कहा कि फ़ल्लूजा की लड़ाई में दाइश की पराजय, तकफ़ीरी आतंकवादियों के मुक़ाबले में इराक़ी राष्ट्र की मूल्यवान विजय थी। फ़ल्लूजा में इराक़ के शिया व सुन्नी मुसलमानों ने एेसी स्थिति में एकता का प्रदर्शन करते हुए संयुक्त रूप से नमाज़े जुमा का आयोजन किया कि सऊदी अरब के विदेश मंत्री आदिल अलजुबैर ने इराक़ के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करते हुए इस देश के स्वयं सेवी बल को भंग करने की मांग की थी।
फ़ल्लूजा की लड़ाई में विजय किसी एक गुट या धड़े की विजय नहीं है बल्कि यह देश की अखंडता की रक्षा के लिए इराक़ के विभिन्न गुटों के आपसी सहयोग व एकजुटता का प्रदर्शन है। फ़ल्लूजा की विजय ने यह दर्शा दिया कि स्थानीय और राष्ट्रीय क्षमताओं पर भरोसा करके देश में शांति व सुरक्षा स्थापित की जा सकती है और ख़तरों व धमकियों को दूर किया जा सकता है। इराक़ी गुटों की एकता व एकजुटता, दाइशी आतंकवाद के विरुद्ध इराक़ी जनता के मोर्चे को मज़बूती प्रदान करती है और इसी बात ने फ़ल्लूजा में इराक़ी बलों को एेतिहासिक विजय प्रदान की। (HN)