तुर्क फ़ोर्सेज़ के ख़िलाफ़ सभी संभावित उपाय अपनाएंगे, सीरियाई सेना
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सीरियाई सरकार ने देश के ख़िलाफ़ तुर्की के ताज़ा हमलों को अतिग्रहण की संज्ञा देते हुए इसकी भर्त्सना की और इससे निपटने के लिए सभी संभावित उपाय अपनाने पर बल दिया।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Oct २३, २०१६ १२:०४ Asia/Kolkata
  • 4 सितंबर 2016 को तुर्क सैनिक टेंकों के साथ सीरिया के अलवक़्फ़ गांव में अवैध रूप से घुसते हुए
    4 सितंबर 2016 को तुर्क सैनिक टेंकों के साथ सीरिया के अलवक़्फ़ गांव में अवैध रूप से घुसते हुए

सीरियाई सरकार ने देश के ख़िलाफ़ तुर्की के ताज़ा हमलों को अतिग्रहण की संज्ञा देते हुए इसकी भर्त्सना की और इससे निपटने के लिए सभी संभावित उपाय अपनाने पर बल दिया।

शनिवार को सीरियाई सेना की जनरल कमान ने एक बयान में कहा कि सीरिया की भूमि पर तुर्क सैनिकों की मौजूदगी सीरिया की संप्रभुता का खुला उल्लंघन और भड़काउ क़दम है जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।

यह बयान ऐसे समय आया जब स्थानीय अधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने कहा कि तुर्क टैंक और तुर्की समर्थित आतंकी उत्तरी सीरिया के तल रिफ़अत क़स्बे की ओर बढ़ रहे थे। तल रिफ़अत क़स्बे का बड़ा भाग कुर्द फ़ोर्सेज़ के नियंत्रण में है। इस क़स्बे के निकट तुर्की समर्थित मिलिटेंट्स और तुर्क फ़ाइटर्ज़ के बीच लड़ाई की रिपोर्ट है।

इस बीच तुर्क सेना ने शनिवार को इस बात की पुष्टि की कि शुक्रवार को उत्तरी सीरिया में कुर्द पीपल्ज़ प्रोटेक्शन यूनिट वाई पी जी के 70 ठिकानों पर रॉकेट से हमला किया।

अंकारा वाई पी जी और उसके घटक डेमोक्रेटिक यूनियन पार्टी को कुर्दिस्तान वर्कर्ज़ पार्टी पीकेके से जुड़ी आतंकवादी फ़ोर्स कहता है जो दशकों से तुर्की के कुर्द बाहुल क्षेत्रों में स्वायत्ता के लिए लड़ रहे हैं।

इस बीच शनिवार को तुर्क राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान ने एलान किया कि उनका देश उत्तरी सीरिया के अलबाब, मन्बिज और रक़्क़ा शहरों में दाख़िल होकर अपनी कार्यवाही बढ़ाएगा। अर्दोग़ान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से आलोचना के बावजूद दावा किया कि तुर्की के पास अलबाब शहर में दाख़िल होने के सिवा कोई और रास्ता नहीं है क्योंकि हमें आतंकवाद से ख़ाली एक क्षेत्र बनाने की ज़रूरत है।  और ऐसा ही मन्बिज में भी करेंगे।

ज्ञात रहे 24 अक्तूबर को तुर्क विशेष बल ने टैंकों और युद्धक विमानों से सीरिया में अमरीका की अगुवाई वाले गठबंधन के समन्वय से पहला हमला किया। उसी दिन दमिश्क़ सरकार ने इस हस्तक्षेप की सीरिया की संप्रभुता के उल्लंघन क रूप में भर्त्सना की।

तुर्की की तकफ़ीरी आतंकियों के ख़िलाफ़ लड़ाई में गंभीर न होने के कारण आलोचना होती रही है। इसी प्रकार तुर्की की अपनी भूमि को आतंकियों को सीरिया में प्रवेश करने और हथियारों पहुंचाने के लिए इस्तेमाल करने की इजाज़त देने के कारण भी निंदा होती रही है। (MAQ/N)