ईरान,रूस और तुर्की के सैनिक सीरिया में तैनात होंगे
तीनों देशों की सेनाएं निर्धारित क्षेत्र की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए तैनात की जायेंगी
रूस के विदेशमंत्री और सीरिया के मामलों में संयुक्त राष्ट्रसंघ के विशेष दूत ने सीरिया में शांति वार्ता के बारे में विचारों का आदान- प्रदान किया।
समाचार एजेन्सी इर्ना की रिपोर्ट की अनुसार रूसी विदेशमंत्रालय ने घोषणा की है कि गुरूवार को विदेशमंत्री सरगेई लावरोफ़ और सीरिया के मामलों में राष्ट्रसंघ के विशेष दूत स्टीफेन दी मिस्तूरा ने मॉस्को में एक दूसरे से सीरिया संकट से संबंधित मामलों की समीक्षा की।
इसी प्रकार इस भेंटवार्ता में सीरिया में संघर्ष विराम के संबंध में ईरान, रूस और तुर्की ने जिस सहमति पर हस्ताक्षर किये थे उसकी समीक्षा की गयी और उसे समस्या के समाधान की दिशा में उचित व प्रभावी कदम बताया गया।
रूस के विदेशमंत्री ने इसी प्रकार राष्ट्रसंघ की निगरानी में जनेवा में सीरियाई- सीरियाई पक्षों के मध्य होने वाली वार्ता और सीरियाई संविधान में संशोधन से संबंधित वार्ता के परिणामों को टिकाऊ व स्थाई बनाये जाने पर बल दिया।
इसी प्रकार मॉस्को में होने वाली वार्ता में दोनों पक्षों ने वार्ता में तालमेल के अधिक करने और समस्त सीरियाई पक्षों को वार्ता में भाग लेने पर बल दिया।
पिछले पांच महीनों के दौरान कज़्ज़ाकिस्तान के आस्ताना शहर में चार बार बैठकें हो चुकी हैं और इन बैठकों में सीरियाई सरकार और विद्रोहियों के प्रतिनिधियों के अलावा ईरान, रूस, तुर्की भी भाग ले चुके हैं और वार्ता का पांचवा चरण 12 और 13 जून को होने वाला था परंतु तीनों देशों के आह्वान पर अभी यह वार्ता विलंबित हो गयी है।
ईरान, रूस और तुर्की ने चार मई को कज़्ज़ाकिस्तान में सहमति की थी कि सीरिया में एक कम हिंसाग्रस्त क्षेत्र बनाया जायेगा और वहां पर तीनों देशों की सेनाएं निर्धारित क्षेत्र की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए तैनात की जायेंगी। MM