मॉस्को अमेरिका का उचित जवाब देगाः लावरोफ़
अमेरिका की घोषित नीति आतंकवाद से मुकाबला है परंतु व्यवहारिक रूप से उसकी अगुवाई में होने वाले हमले आतंकवाद विरोधी मोर्चे को कमज़ोर करने के परिप्रेक्ष्य में होते हैं।
सीरिया के संबंध में अमेरिका का नया खेल आरंभ होने के साथ सीरिया के समाचारिक सूत्रों ने सूचना दी है कि अमेरिकी गठबंधन के युद्धक विमानों ने एक बार फिर इस देश के पूर्व में स्थित दैरूज़्ज़ूर में आम लोगों को लक्ष्य बनाया जिसमें महिलाओं और बच्चों सहित दसियों लोग मारे गये।
अमेरिका की अगुवाई वाले गठबंधन का हमला आतंकवादी गुट दाइश की सहायता और उसके दिशा -निर्देशन के परिप्रेक्ष्य में होता है और ये हमले भी सीरियाई जनता के विरुद्ध होने वाले आतंकवादी अपराध हैं।
यद्यपि अमेरिका की घोषित नीति आतंकवाद से मुकाबला है परंतु व्यवहारिक रूप से उसकी अगुवाई में होने वाले हमले आतंकवाद विरोधी मोर्चे को कमज़ोर करने के परिप्रेक्ष्य में होते हैं। सीरियाई सेना और उसके घटकों के ठिकानों पर हमले आतंकवादियों को प्रोत्साहित करने और उनका मनोबल उठाने के लक्ष्य से होते हैं।
अमेरिका इस समय सीरिया के संबंध में जो खेल खेल रहा है उससे 4 अप्रैल वर्ष 2017 को इदलिब के ख़ान शैखून क्षेत्र पर रासायनिक हमले की याद आ जाती है। ख़ान शैखून क्षेत्र पर रासायनिक हमले के संबंध में जो दावा किया गया था आज तक उसकी जांच नहीं की गयी।
इस दावे की जांच न किये जाने से सबसे अधिक डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार के युद्धोन्मादी षडयंत्र की पुष्टि होती है और अमेरिकी सेना ने जारी वर्ष के सात अप्रैल को सीरिया की हवाई छावनी अश्शईरात पर मिसाइलों से हमला किया।
यह हमला ऐसी स्थिति में किया गया जब आज तक इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला जो इस बात का सूचक हो कि ख़ान शैख़ून क्षेत्र में जो रासायनिक हमला हुआ उसमें सीरियाई सरकार का हाथ रहा हो।
इसी संबंध में एक अमेरिकी पत्रकार व विशेषज्ञ सिमोर हर्श ने कहा है कि अमेरिकी सेना को पता था कि ख़ान शैख़ून में कभी भी रासायनिक हमला नहीं हुआ है।
बहरहाल ईरान, रूस और सीरिया ने दमिश्क के विरुद्ध हर प्रकार की कार्यवाही के प्रति अमेरिका को चेतावनी दी है और रूस के विदेश मंत्री सरगेई लावरोफ के उस बयान को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा है कि मॉस्को सीरिया के विरुद्ध अमेरिका की हर प्रकार की कार्यवाही का उचित जवाब देगा। MM