सऊदी अरब में ज़ोर पकड़ता “निम्र को नहीं भूल सकते” कैम्पेन
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सऊदी अरब के कार्यकर्ताओं ने इस देश के नायक धर्मगुरु शहीद शैख़ निम्र बाक़िर अन्निम्र के समर्थन में अपने ट्वीटर पेज पर “निम्र को नहीं भूल सकते” हैशटैग के साथ एक कैम्पेन शुरु किया है और शैख़ निम्र के समर्थकों से इस कैम्पेन में शामिल होने की अपील की है।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Aug २४, २०१७ १६:५३ Asia/Kolkata

सऊदी अरब के कार्यकर्ताओं ने इस देश के नायक धर्मगुरु शहीद शैख़ निम्र बाक़िर अन्निम्र के समर्थन में अपने ट्वीटर पेज पर “निम्र को नहीं भूल सकते” हैशटैग के साथ एक कैम्पेन शुरु किया है और शैख़ निम्र के समर्थकों से इस कैम्पेन में शामिल होने की अपील की है।

शैख़ निम्र को 15 अक्तूबर 2015 को सऊदी अरब की फ़ौजदारी की अदालत ने राष्ट्रीय सुरक्षा के ख़िलाफ़ कार्यवाही करने के निराधार इल्ज़ाम में तलवार से गर्दन मारने और आम लोगों के बीच उन्हें सलीब पर लटकाने का आदेश दिया था। जिसके बाद 2 जनवरी 2016 को मौत की सज़ा दी गयी जिसकी क्षेत्रीय राष्ट्रों ने भर्त्सना की थी।

बहरैन में मानवाधिकार मामलों के विशेषज्ञ बाक़िर दरवीश ने कहा, “शैख़ निम्र बाक़िर अन्निम्र की शहादत का विषय अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक चुनौती थी लेकिन अफ़सोस है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय शैख़ निम्र को मौत की सज़ा को रुकवाने मे नाकाम रहा।

यह ऐसी हालत में है कि आले सऊद शासन की ओर से सऊदी जनता और ख़ास तौर पर शियों पर रोज़ाना दबाव बढ़ता जा रहा है और इस शासन के सैनिक पूर्वी सऊदी अरब के शिया बाहुल इलाक़ों पर कठोर हमले कर रहे हैं। लेकिन आले सऊद के शैख़ निम्र को मौत की सज़ा देने के अपराध के ख़िलाफ़ जनमत की ओर से जारी प्रतिक्रिया यह दर्शाती है कि आले सऊद शासन की इस कार्यवाही के नतीजे में उसके ख़िलाफ़ विरोध का दायरा कम होने के बजाए बढ़ता जा रहा है और अब यह दायरा साइबर स्पेस तक फैल गया है।

आले सऊद शासन की ओर से विरोधियों के ख़िलाफ़ कठोर कार्यवाही के बावजूद सऊदी समाज में न्याय की आवाज़ दिन ब दिन तेज़ होती जा रही है जिससे पता चलता है कि आले सऊद शासन डराने-धमकाने के बावजूद इस देश की जनता और जनांदोलन के नेताओं को ख़ामोश करने में नाकाम रहा है। सऊदी अरब की जनता का इस देश की सरकार के ख़िलाफ़ जारी विरोध यह दर्शाता है कि सऊदी जनता ने इस देश में अत्याचार के अंत और जनतांत्रिक व्यवस्था क़ायम करने के अपने लक्ष्य को हासिल करने का संकल्प लिया है। (MAQ/N)