सीरिया पर रासायनिक हथियार इस्तेमाल करने के इल्ज़ाम के पीछे क्या है लक्ष्य?
(last modified Sat, 09 Sep 2017 10:17:49 GMT )
Sep ०९, २०१७ १५:४७ Asia/Kolkata

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की जांच कमेटी के सीरिया द्वारा रासायनिक हथियार के इस्तेमाल के दावे के जवाब में सीरियाई सरकार ने कहा कि उसके पास इस तरह के हथियार नहीं हैं।

जनेवा में संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में सीरिया के प्रतिनिधि हुसामुद्दीन अला ने कहा कि दमिश्क़ की ओर से बारंबार चेतावनी के बावजूद संयुक्त राष्ट्र संघ की जांच समिति की ओर से सीरिया के ख़िलाफ़ झूठे इल्ज़ाम का सिलसिला जारी है।

सीरिया सरकार ऐसी हालत में पश्चिम के इल्ज़ाम के निशाने पर है कि पिछले कुछ साल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पारित प्रस्तावों के तहत सीरिया ने अपने पूरे रासायनिक पदार्थ, रासायनिक हथियार निषेध संगठन के हवाले किया और संयुक्त राष्ट्र संघ भी इस संदर्भ में सीरिया की ओर से सार्थक सहयोग की बात स्वीकार कर चुका है।

रूस के सैन्य मामलों के टीकाकार दिमित्री बाबीच का कहना है कि सीरिया के पास किसी तरह का केमिकल हथियार नहीं है और सीरिया के ख़िलाफ़ इल्ज़ाम, उसके ख़िलाफ़ जारी बहुआयामी साज़िश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि रासायनिक हथियार निषेध संगठन को 2013 में सीरिया से रासायनिक हथियार पूरी तरह निकलवाने पर शांति का नोबल पुरस्कार मिला था।

दरअस्ल सीरिया के ख़िलाफ़ झूठे दावे और इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र संघ की कमेटियों व संस्थाओं को साथ मिलाने का लक्ष्य आतंकियों के लिए रासायनिक हथियार के इस्तेमाल का माहौल तैयार करना है ताकि इस तरह सीरिया में आतंकियों की पूरी तरह से हार को रोका जाए। दाइश सीरिया में रासायनिक हथियार के ज़रिए अपनी पूरी तरह से हार को रोकना और सीरियाई नागरिकों के मन में ज़्यादा से ज़्यादा डर बिठाना चाहता है ताकि इस तरह सीरियाई नागिकों अपने लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में झुका सके।

अंतर्राष्ट्रीय हालात दर्शाते हैं कि आतंकियों के ख़िलाफ़ सीरियाई सेना और स्वंयसेवी बल को दिन ब दिन मिल रही सफलताओं और जंग के मैदान में शक्ति के संतुलन के सीरियाई सरकार के हित में पहले से ज़्यादा झुकने के साथ ही इस देश के ख़िलाफ़ साज़िशें और ख़तरनाक होती जा रही हैं। (MAQ/T)   

 

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