बहरैन, बंदियों को नमाज़ पढ़ने की अनुमति तक नहीं
बहरैन में राजनैतिक क़ैदियों की भूख हड़ताल के समर्थन में देश भर में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं।
हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार बहरैनी जनता ने बुधवार की रात भी आले ख़लीफ़ा शासन की तानाशाही सरकार के विरुद्ध और क़ैदियों की भूख हड़ताल के समर्थन में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किए।
ज्ञात रहे कि बहरैन की जेलों में बंद क़ैदियों ने जेल की दुर्दशा और क़ैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल आरंभ करने की घोषणा की है। क़ैदियों का कहना है कि जेल के भीतर उन्हें नमाज़ पढ़ने, दुआ करने और उपासना से भी रोका जाता है।
क़ैदियों के परिजनों का कहना है कि सुरक्षा बल उन्हें अपने घर वालों से मिलने नहीं देते और किसी भी प्रकार की आवश्यकता की चीज़ें उन्हें देने नहीं देते। शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान आले ख़लीफ़ा शासन के सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर हमला कर दिया जिसमें कई प्रदर्शनकारी घायल हो गये।
प्रदर्शनकारी राजनैतिक क़ैदियों की रिहाई और मुहर्रम में मजलिसों और जूलूसों के स्वतंत्र आयोजन की मांग कर रहे थे। (AK)