ज़ायोनी शासन से सऊदी अरब के सहयोग का भांडा फूटा
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मिस्र के एक समाचारपत्र ने सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज़ जारी करके, इस्राईल के साथ रियाज़ के सहयोग के नए आयामों का भांडा फोड़ दिया है।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Dec ११, २०१७ १०:१० Asia/Kolkata
  • ज़ायोनी शासन से सऊदी अरब के सहयोग का भांडा फूटा

मिस्र के एक समाचारपत्र ने सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज़ जारी करके, इस्राईल के साथ रियाज़ के सहयोग के नए आयामों का भांडा फोड़ दिया है।

अश्शर्क़ समाचारपत्र ने ये दस्तावेज़ जारी करके बताया है कि सऊदी अरब ने दिसम्बर 1966 में अमरीका के साथ हुए पत्राचार में क़ाहेरा में तनाव पैदा करने के लिए इस बात की मांग की थी कि ज़ायोनी शासन, मिस्रा के सीना क्षेत्र पर क़ब्ज़ा कर लिए। यह उस समय की बात है जब क़ाहेरा और रियाज़ के बीच तनाव व्याप्त था। सऊदी अरब ने इसी तरह ज़ायोनी शासन को मज़बूत बनाने के लिए सीरिया पर हमले और उसके एक भाग अर्थात गोलान के क्षेत्र को उससे अलग करने का प्रस्ताव दिया था।

 

अश्शर्क़ समाचारपत्र ने लिखा है कि इन दस्तावेज़ों के अनुसार सऊदी अरब ने इस्राईल से कहा था कि वह ग़ज़्ज़ा पट्टी और पश्चिमी तट को अपने क़ब्ज़े में ले ले ताकि इस प्रकार फ़िलिस्तीनियों की हर प्रकार की कार्यवाही और कुछ अरब देशों द्वारा उनके समर्थन पर अंकुश लगाया जा सके। सऊदी अरब की ओर से ज़ायोनी शासन के पक्ष में की जाने वाली कार्यवाहियों के इस चौंका देने वाले रहस्योद्घाटन ने आले सऊद का वास्तविक चेहरा दुनिया के लिए अधिक स्पष्ट कर दिया है। (HN)