बहरैन, राजनैतिक कार्यकर्ता को 5 साल की सज़ा
बहरैन की अदालत ने देश के प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता नबील रजब को सरकार विरोधी ट्वीट करने के आरोप में पांच साल जेल की सज़ा सुनाई है।
रोइटर्ज़ की रिपोर्ट के अनुसार नबील रजब को इस मुक़द्दमे में न्यायालय का अपमान करने, एक पड़ोसी देश का अपमान करने और युद्ध के काल में ग़लत बात फैलाने जैसे आरोपों का सामना हुआ।
यह आरोप नबील रजब के वर्ष 2015 के फ़ेसबुक पेज से संबंधित है जिसमें उन्होंने बहरैन की जौ नामक जेल में सुरक्षाकर्मियों द्वारा बंदियों को भीषण यातनाएं दिए जाने के मामले से पर्दा हटाया था। इसी पोस्ट में उन्होंने यमन पर सऊदी अरब के हमलों और इस देश में मानवीय संकट पैदा होने पर चिंता व्यक्त की थी।
इससे पहले बहरैन के वरिष्ठ राजनैतिक कार्यकर्ता नबील रजब पर अफ़वाह फैलाने और लोगों को चिंतित करने के आरोप में दो साल जेल की सज़ा काट चुके हैं।
बहरैन की सैन्य अदालत ने छह बहरैनी युवाओं की सज़ाए मौत पर पुनर्विचार की याचिका ठुकरा दी और उनकी सज़ाए मौत की पुष्टि कर दी।
इन युवाओं पर देश की सशस्त्र सेना के कमान्डर की हत्या की योजना के निराधार आरोप लगाए गये थे, जिन युवाओं को सज़ा सुनाई गयी है उनमें से दो युवा शैख़ ईसा क़ासिम के रक्षकों में हैं।
बहरैन में 14 फ़रवरी 2011 से इस देश में अत्याचारी शासन के ख़िलाफ़ जनता का प्रदर्शन जारी है। आले ख़लीफ़ा शासन ने जनता के विरोध को दबाने के लिए विपक्ष के बहुत से नेताओं को गिरफ़्तार और उनके ख़िलाफ़ झूठे केस बनाकर उन्हें लंबी अवधि की क़ैद की सज़ा दी है या उन्हें घर में क़ैद कर दिया है।
इसी मध्य बहरैनी मानवाधिकार केन्द्र ने भी कहा कि बहरैनी प्रशासन राजनैतिक बदले की भावना के अंतर्गत मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर दबाव डाल रहा है और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गतिविधियों को रोकने के लिए भय की नीति अपनाए हुए हैं। (AK)