सीरियाई सरकार ने दूमा में रासायनिक हमला नहीं किया
ब्रिटेन के वरिष्ठ पत्रकार राबर्ट फ़िस्क ने यह रहस्योद्घाटन किया है कि सीरिया सरकार ने दूमा शहर पर रासायनिक हमला नहीं किया है बल्कि वहां के लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण प्रभावित हुए थे।
समाचार पत्र रॉयटर्स के अनुसार ब्रिटेन के वरिष्ठ पत्रकार रॉबर्ट फ़िस्क ने सीरिया के दूमा शहर में हुए तथाकथित रासायनिक हमले के संबंध में रहस्योद्घाटन किया है कि सीरिया की बश्शार असद सरकार ने दूमा शहर पर रासायनिक हमला नहीं किया है बल्कि वहां के लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण प्रभावित हुए थे।
सीरिया के दूमा शहर की यात्रा के बाद स्वदेश लौटे रॉबर्ट फ़िस्क ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि स्थानीय लोग ऐसे स्थानों में शरण लिए हुए थे जो गंदगी से भरे हुए थे और जहां ऑक्सीजन का स्तर बहुत कम था जिसके कारण उनकी स्थिति ख़राब हो गई थी।
उल्लेखनीय है कि रॉबर्ट फ़िस्क ऐसे कुछ पश्चिमी पत्रकारों में से हैं, जिन्होंने आतंकवादी गुट अलक़ाएदा के प्रमुख ओसामा बिन लादेन का साक्षात्कार किया था।
सीरिया यात्रा के दौरान, रॉबर्ट फ़िस्क ने 58 वर्षीय स्थानीय डॉक्टर असिम राहबानी का भी साक्षात्कार किया, जिन्होंने कई पीड़ितों का इलाज किया था। डॉक्टर राहबानी का कहना था कि दुनियाभर के टीवी चैनलों पर जो वीडियो फोटेज दिखाया जा रहा था और जिसमें यह बताया जा रहा था कि यह सभी रासायनिक हमले के पीड़ित हैं, वास्तव में वे रासायनिक हमले के पीड़ित नहीं थे, बल्कि ऑक्सीजन की कमी के कारण उन लोगों को साँस लेने में कठिनाई हो रही थी।
रॉबर्ट फ़िस्क के अनुसार, उन्होंने 20 से अधिक स्थानीय लोगों से बात की और किसी को भी यह बात समझ में नहीं आ रही थी कि अमेरिका और कुछ पश्चिमी देशों ने उनके देश पर मिसाइलों से हमला क्यों किया।
मीडिया सूत्रों के अनुसार, सऊदी अरब ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस को मोटी रक़म का भुगतान किया है। सऊदी अरब लगातार पिछले पांच वर्षों से सीरिया की क़ानूनी सरकार को गिराने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे सीरिया, इराक़, यमन, लेबनान, लीबिया और अफ़ग़ानिस्तान में ऐतिहासिक हार का सामना करना पड़ा है। (RZ)