अरब शासकों पर क्यों बरस पड़े दुबई के शासक बिन राशिद
आम तौर पर राजनैतिक मामलों से दूर रहकर उद्योग और व्यापार पर ध्यान केन्द्रित रखने वाले दुबई के शासक शैख़ मुहम्मद बिन राशिद आले मकतूम अरब शासकों पर बरस पड़े और उन्होंने अरब नेताओं की क्षमता पर गंभीर सवालिया निशान लगा दिया।
शैख़ मुहम्मद बिन राशिद का कहना है कि राजनेताओं का काम यह है कि वह अपनी गतिविधियों और नीतियों से समाज तथा अर्थ व्यवस्था के सुचारू रूप से आगे बढ़ने का मार्ग तैयार करें लेकिन अरब नेता एसा करने के बजाए संकट पैदा कर रहे हैं।
अरब मीडिया में बिन राशिद का यह बयान छा गया है जो उन्होंने ट्वीटर पर शेयर किया। शैख़ मुहम्मद बिन राशिद ने ट्वीट किया कि मुझे ज़िंदगी ने यह सीख दी है कि हमारे अरब जगत में राजनीति में ज़्यादा पड़ना समय की बर्बादी, शिष्टाचार की तबाही और अवसारों का विनाश है। जो भी अपने राष्ट्र के लिए सफलताएं अर्जित करना चाहता है उसके सामने उसका देश एक मैदान, इतिहास एक गवाह है। जहां तक सफलताओं की बात है तो वह खुद बोलती हैं, खोखले भाषणों के शब्दों की कोई क़ीमत नहीं होती।
बिन राशिद यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे ट्वीट किया कि हमारे अरब जगत में राजनेताओं की बहुतायत है जबकि हमारे पास अच्छे प्रबंधकों और निदेशकों की भारी कमी है। हमारी समस्या अवसरों की नहीं मैनेजमेंट की समस्या है। आप चीन को देखिए, जापान को देखिए उनके पास प्राकृतिक संसाधन नहीं हैं लेकिन वह कहां पहुंच गए जबकि आप तेल, गैस, पानी और मानव संसाधन वाले देशों को देखिए तो उनका अपना विकास उनके हाथ में नहीं है, वह तो अपनी जनता को सड़कें और बिजली जैसी बुनियादी ज़रूरत की चीज़ें भी नहीं उपलब्ध करा सकते।
पर्यवेक्षकों का मानना है कि शैख़ मुहम्मद बिन राशिद को पूरे अरब जगत में फैली अशांति और टकराव पर चिंता है। अनेक स्थानों में फैले संकट में सऊदी अरब और खुद संयुक्त अरब इमारात का हाथ है जिसने अरब जगत के विकास के मार्ग को अवरुद्ध करने के साथ ही उसे तबाही के रास्ते पर ढकेल दिया है।