दाइाश को सशस्त्र करने में संयुक्त अरब इमारात की भूमिका
(last modified Tue, 18 Sep 2018 12:15:01 GMT )
Sep १८, २०१८ १७:४५ Asia/Kolkata

स्वीट्ज़रलैंड के अधिकारियों की ओर से किए गये शोध में यह स्पष्ट हो गया है कि संयुक्त अरब इमारात ने स्वीट्ज़रलैंड से ख़रीदे गये हथियार और गोलाबारूद, सीरिया की ओर तस्करी की है।

स्वीट्ज़रलैंड के एक प्रसिद्ध समाचार पत्र सोन्टागज़ ब्लैक ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा कि स्वीट्ज़रलैंड ने संयुक्त अरब इमारात को हथियार बेचे और यह हथियार सीरिया में दाइश के हाथ में पहुंच गये। समाचार पत्र आगे लिखता है कि इदलिब में आतंकवादी गुट दाइश के पास स्वीट्ज़रलैंड की कंपनी आरयूआईजी के बने हथगोले, आत्मघाती जैकेट और मार्टरगोले हैं।

इस रिपोर्ट के आधार पर वर्ष 2012 में सीरिया में आतंकवादियों के हाथों में स्वीट्ज़रलैंड के बने मार्टर गोले दिखा दिए और इस स्वीज़ कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि इस बात की प्रबल संभावना है कि यह मार्टर गोले उन खेपों का हिस्सा हो सकते हैं जो संयुक्त अरब इमारात को बेचे गये हैं। 

इन हालात में यह कहा जा सकता है कि इस विषय की जानकारी के बावजूद स्वीट्ज़रलैंड यथावत संयुक्त अरब इमारात को हथियार बेचकर हथियारों की कंपनियों और अपनी दुकान चला रहा है। इस विषय से यह भी पता चलता है कि दाइश को आधुनिक हथियारों से लैस करने में अरब देशों और पश्चिमी देशों के बीच सांठगांठ है।

मध्यपूर्व में आतंकवाद के विस्तार का महत्वपूर्ण कारण संयुक्त अरब इमारात सहित कुछ अरब देशों की नीतियां हैं। क्षेत्र में संयुक्त अरब इमारात जैसे देश, शक्तिशाली न होने कारण, पिछले कई वर्षों के दौरान लीबिया, मिस्र, ट्यूनीशिया, सीरिया, इराक़ और यमन जैसे विभिन्न संकटो में बाहर की शक्तियों विशेषकर अमरीका के हाथ का खिलौना बने हुए हैं। 

यह बात सबके लिए स्पष्ट हो गयी है कि सीरिया और इराक़ में आतंकवादियों के समर्थन में संयुक्त अरब इमारात और सऊदी अरब की नीतियों के कारण इस्लामी जगत को दाइशी और तकफ़ीरी ख़तरे का सामना हुआ है। (AK)