ईरान के विरुद्ध इज़राइली-अमेरिकी युद्ध पर फ़्रांसीसी विशेषज्ञों की राय
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फ़्रांसीसी सैन्य विशेषज्ञ गिलौम एंसेल (Guillaume Ancel)
पार्सटुडे - फ़्रांसीसी विशेषज्ञों ने ज़ायोनी शासन और ईरान के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध का सैन्य विश्लेषण पेश किया है।
लेबनान के अख़बार "अल-अख़बार" ने मंगलवार को फ़्रांसीसी विशेषज्ञों के साथ एक साक्षात्कार में ज़ायोनी शासन द्वारा ईरान के ख़िलाफ़ छेड़े गए 12 दिनों के युद्ध का विश्लेषण किया है।
पार्सटुडे के अनुसार, पूर्व अधिकारी, सैन्य विशेषज्ञ और "लिटिल लेसन्स अबाउट वॉर: हाउ टू डिफेंड पीस विदाउट फियरिंग बैटल" पुस्तक के लेखक गिलौमम एंसेल ने कहा कि ज़ायोनी शासन और अमेरिका का मुख्य लक्ष्य, ईरान में शासन परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करना था, जो हासिल नहीं हुआ।
फ्रांसीसी सुरक्षा विशेषज्ञ ने आगे कहा: ईरान अपने शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को जारी रख सकता है।
इस संदर्भ में, सेंसर, रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध, स्पेक्ट्रल मॉनिटरिंग, इलेक्ट्रॉनिक ऑप्टिक्स, सिग्नल इंटेलिजेंस और हथियार प्रणालियों के विशेषज्ञ और CF2R सेंटर के शोध सहयोगी, ओलिवियर दुजार्डिन ने कहा: उपकरण, गोला-बारूद और विमान के पुर्जों की कमी की वजह से इज़राइल दीर्घकालिक युद्ध छेड़ने में सक्षम नहीं रहा।
वह इस युद्ध को इज़राइली प्रधानमंत्री बेन्यामीन नेतन्याहू द्वारा अमेरिका को संघर्ष में घसीटने के लिए एक "अल्पकालिक, विनाशकारी जुआ" बताते हैं लेकिन अमेरिकी हस्तक्षेप प्रतीकात्मक, क्षणभंगुर और निर्णायक कार्रवाई से रहित था।
इलेक्ट्रॉनिक युद्ध और हथियार प्रणालियों के विश्लेषक ईरान के परमाणु कार्यक्रम के विनाश के दावों की भी आलोचना करते हैं।
कहते हैं: ईरान पराजित नहीं हुआ है, और यह दर्शाता है कि ईरान अमेरिकी परमाणु मांगों को स्वीकार करने से क्यों इनकार करता है।
फ्रांसीसी विश्लेषक ने कहा: 12 दिन का युद्ध इजरायल और अमेरिका का एक भव्य राजनीतिक प्रदर्शन मात्र था। (AK)
कीवर्ड्ज़: अमरीका, ईरान, हमला, इस्राईल, हमला, परमाणु कार्यक्रम
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