सऊदी अरब में मस्जिदे नबी के इमाम की संदिग्ध मौत
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मस्जिदे नबी में इमामत के कर्तव्य अंजाम देने वाले वरिष्ठ सऊदी मुफ़्ती शेख़ अहमद अल-एमारी, आले सऊद शासन के अत्याचारों को सहन न कर सके और जेल में ही उनकी संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई है।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Jan २२, २०१९ १५:२२ Asia/Kolkata
  • सऊदी अरब में मस्जिदे नबी के इमाम की संदिग्ध मौत

मस्जिदे नबी में इमामत के कर्तव्य अंजाम देने वाले वरिष्ठ सऊदी मुफ़्ती शेख़ अहमद अल-एमारी, आले सऊद शासन के अत्याचारों को सहन न कर सके और जेल में ही उनकी संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई है।

प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार सऊदी तबलीग़ियों और धार्मिक हस्तियों की गिरफ़्तारी पर नज़र रखने वाली एक सामाजिक मीडिया संस्था के अनुसार शेख अहमद अल-एमारी का, जो जामिया इस्लामी मदीना में क़ुरान कॉलेज के पूर्व प्रमुख भी थे, गिरफ़्तारी के 5 महीने बाद आले सऊद की क़ैद में ही निधन हो गया है। सामाजिक मीडिया संस्था ने सऊदी सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने 69 वर्षीय बुज़ुर्ग मुफ़्ती को जेल में बहुत अधिक प्रताड़ित किया जिसके कारण उनकी जेल में ही मौत हो गई।

दूसरी ओर लंदन से संबंधित मानवाधिकार संगठन “अलक़िस्त” के डायरेक्टर यहया असीरी का कहना था कि अहमद अल-एमारी को सऊदी सरकार की ओर से जारी क्रेक डाउन के परिणामस्वरूप अगस्त में उनके आवास से उनके नज़दीकी सहायक और इस्लामी विद्वान सफ़र अलहवाली के साथ गिरफ़्तार किया गया था।

याद रहे कि 68 वर्षीय सफ़र अलहवाली को 3 हज़ार पन्नों पर आधारित एक पुस्तक के प्रकाशन के बाद गिरफ़्तार किया गया था। अलहवाली ने अपनी किताब में सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान और आले सऊद के इस्राईल के साथ बढ़ते संबंधों पर चिंता व्यक्त करते हुए उसकी कड़े शब्दों में निंदा की थी।

उल्लेखनीय है कि जब से मोहम्मद बिन सलमान  ने सऊदी अरब के युवराज का पद संभाला है तब से वे अमरीका और इस्राईल की नीतियों को क्षेत्र में लागू कराने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। उनकी इन नीतियों का विरोध करने के कारण सऊदी अरब के कई शहज़ादे, धर्मगुरू और मुफ़्ती जेल की हवा खा रह हैं। अहमद अल-एमारी इन्हीं आलोचकों में एक थे।

ज्ञात रहे कि संयुक्त राष्ट्रसंघ और दुनिया भर के विभिन्न मानवाधिकार संगठनों ने बारंबार सऊदी अरब में हो रहे मानवाधिकारों के हनन की कड़े शब्दों में निंदा की है। राष्ट्र संघ की मानवाधिकार परिषद के अनुसार सऊदी अरब इस समय दुनिया में मानवाधिकारों का सबसे बड़ा हननकर्ता है। सऊदी अरब में वर्तमान समय में तीस हज़ार से अधिक राजनैतिक क़ैदी जेलों में बंद हैं। (RZ)