कुवैत के शासक के इराक़ दौरे की अहमियत
कुवैत के शासक सबाह अलअहमद अलजाबिर अस्सबाह ने बुधवार को इराक़ के दौरे पर इस देश के राष्ट्रपति बरहम सालेह से भेंटवार्ता की।
द्विपक्षीय संबंध और क्षेत्रीय मामलों पर बातचीत, कुवैती शासक के इराक़ दौरे के मुख्य उद्देश्य हैं।
दोनों देशों के आपसी संबंधों में विस्तार में रूचि की एक निशानी हालिया दिनों में दोनों देशों के कूटनयिकों का एक दूसरे के यहां का दौरा रहा है।
इराक़ी प्रधान मंत्री आदिल अब्दुल महदी 22 मई 2019 को कुवैत पहुंचे। इराक़ी राष्ट्रपति बरहम सालेह भी नवंबर 2018 में अपने पहले आधिकारिक दौरे पर कुवैत गए थे। अब कुवैती शासक ने इराक़ का दौरा किया जो उनके शासक बनने के बाद से इराक़ का दूसरा दौरा है।
कुवैत के शासक का इराक़ दौरा क्षेत्रीय दृष्टि से बहुत अहमियत रखता है। यह दौरा ऐसे हालात में हुआ जब पश्चिम एशिया में अभूतपूर्व स्तर पर तनाव है। क्षेत्रीय शक्तियों और अरब देशों के बीच संबंधों में तनाव अभूतपूर्व स्तर का है।
कुवैत के शासक ने देशों और क्षेत्र में तनाव को कम करने की हमेशा कोशिश की है जिसमें ईरान-सऊदी अरब, क़तर-सऊदी अरब और इसी तरह ईरान-अमरीका के बीच मध्यस्थता की उनकी कोशिश की ओर इशारा किया जा सकता है।
इराक़ की मौजूदा सरकार भी क्षेत्र में स्थिरता लाने और विदेश नीति में स्वाधीनता की कोशिश कर रही है। इराक़ सरकार ने भी ईरान-सऊदी अरब तथा ईरान-अमरीका के बीच तनाव कम करने के लिए मध्यस्थता की। इस बीच इराक़ सरकार न सिर्फ़ दूसरे देशों के ख़िलाफ़ किसी भी तरह के इल्ज़ाम लगाने से बच रही है बल्कि उसने झूठे इल्ज़ामों का विरोध भी किया है, जैसा कि इराक़ी राष्ट्रपति बरहम सालेह की 30 मई को मक्का बैठक में सऊदी शासक के ईरान विरोधी बयान पर स्पष्ट प्रतिक्रिया की ओर इशारा कर सकते हैं जिसमें उन्होंने बल देकर कहा था कि क्षेत्र में शांति व स्थिरता बनाए रखना ईरान की क्षेत्रीय नीति की स्ट्रैटिजी है। (MAQ/T)