राजक्षमा के एलान पर मंसूर हादी की फ़ोर्स को छोड़कर छोड़कर यमनी फ़ौजी और कमांडर, सनआ लौट रहे हैं, ताज़ा घटना में 300 लौटे
बड़ी तादाद में यमनी, दुश्मन की पंक्ति को छोड़ कर राष्ट्र की गोद में लौट रहे हैं।
अलअख़बार, अख़बार के मुताबिक़, इन दिनों, यमन पर हमलावर सऊदी गठबंधन के किराए के सैनिकों में शामिल यमनी, गुट के रूप में सनआ आ रहे हैं और राजक्षमा के तहत यमन की राष्ट्रीय एकता सरकार में शामिल हो रहे हैं। इन दिनों इस तरह का मंज़र रोज़ नज़र आ रहा है कि सऊदी गठबंधन से निकल कर यमनी, गुट के रूप में, राजधानी सनआ पहुंच रहे हैं। सिर्फ़ फ़ौजी ही नहीं, बल्कि वतन की गोद में लौटने वालों में कमांडर भी शामिल हैं। कोई ब्रिगेडियर रैंक का तो कोई कर्नल रैंक का कमांडर है।
पिछले कई साल के दौरान इस तरह की घटना अनेक बार घटी, जब यमन के फ़रारी राष्ट्रपति मंसूर हादी की पंक्ति में शामिल यमनी फ़ोर्स के जवान बड़ी तादाद में सनआ लौट आए, लेकिन इस साल यह प्रक्रिया बहुत तेज़ हो गयी है।
यमन का स्वंयसेवी बल अंसारुल्लाह, हमलावर सऊदी गठबंधन में शामिल दसियों कमांडरों, राजनेताओं और क़बीलों के सरदारों से दसियों बार राष्ट्र की गोद में वापस आने की अपील कर चुका है।
पिछले हफ़्ते यमन के रक्षा मंत्रालय ने मंसूर हादी की फ़ोर्स में शामिल 300 से ज़्यादा फ़ौजियों और कुछ कमांडरों को राजक्षमा दी। सनआ ने मआरिब, जौफ़, सऊदी अरब के साथ दक्षिणी सीमाओं में मंसूर हादी की फ़ोर्स से बड़ी तादाद में निकलने वाले फ़ौजियों की वापसी में फ़्री सेवा देने के साथ साथ, हमलावर सऊदी गठबंधन के उन पर संभावित हमले से उन्हें बचाने के भी उपाय किए।
सैन्य सूत्र के मुताबिक़, मआरिब के मोर्चों में मंसूर हादी की सेना में सातवें इलाक़े से दसियों फ़ौजी और कमांडर भाग कर सनआ आ गए हैं। इस सूत्र ने बताया कि राष्ट्रीय एकता सरकार की ओर से दी गयी राजक्षमा के तहत सनआ का दामन उन सबके लिए खुल हुआ है जो अपने वतन लौटना चाहते हैं। (MAQ/N)
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