नई दिल्ली में इस्राईली दूतावास हाई अलर्ट!!!
भारत में ज़ायोनी दूत का कहना है कि दूतावास को हाई एलर्ट कर दिया गया है और शुक्रवार को दूतावास के क़रीब हुए धमाके से पहले भी यह हाई एलर्ट पर था।
उन्होंने कहा कि धमकियाँ मिल रही हैं जिसकी वजह से दूतावास को हाई एलर्ट कर दिया गया है।
एएफ़पी से बात करते हुए ज़ायोनी दूत रॉन मालका ने कहा कि उन्हें शुक्रवार को हुयी घटना पर हैरानी नहीं है, जिसमें कोई नुक़सान नहीं हुआ सिर्फ़ तीन गाड़ियों के शीशे टूटे।
ज़ायोनी दूतावास की सड़क शनिवार को भी बंद रही और फ़ॉरेन्सिक जाँच के माहिरों ने, ज़िम्मेदारों का पता लगाने के लिए घटना स्थल से सुबूत जमा किए।
ज़ायोनी दूत ने एएफ़पी से टेलीफ़ोन पर बातचीत में कहा कि हम इन दिनों पूरी तरह तय्यार हैं और कुछ धमकियों की वजह से हमने एलर्ट बढ़ा दिया है।
भारतीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक़, जाँच टीम को ज़ायोनी दूत के नाम लिखा गया ख़त मिला है।
द इंडियन एक्सप्रेस अख़बार के मुताबिक़, ख़त में ईरान के वीर शहीद कमांडर जनरल क़ासिम सुलैमानी और मोहसिन फ़ख़्रीज़ादे का हवाला दिया गया और शुक्रवार को कम तीव्रता वाले धमाके को ट्रेलर बताया गया।
इस्लामी गणतंत्र ईरान की आईआरजीसी फ़ोर्स की क़ुद्स ब्रिगेड के कमान्डर जनरल क़ासिम सुलैमानी 3 जनवरी 2020 को बग़दाद एयरपोर्ट पर आतंकवादी अमरीकी सेना के ड्रोन हमले में शहीद हो गए।
उसके बाद ईरानी वैज्ञानिक मोहसिन फ़ख़्रीज़ादे को नवंबर 2020 में शहीद कर दिया गया, जिसके लिए ईरान ज़ायोनी शासन को ज़िम्मेदार मानता है।
ज़ायोनी प्रधान मंत्री बेन्यामिन नेतनयाहू ने सन 2012 में दिल्ली में ज़ायोनी कूटनयिक की गाड़ी पर बम हमले का आरोप ईरान पर लगाया था, जिसमें 3 लोग घायल हुए थे.
ग़ौरतलब है कि शुक्रवार को ज़ायोनी दूतावास के क़रीब उस वक़्त धमाका हुआ जब भारत और ज़ायोनी शासन, आपसी कूटनैतिक संबंध की शुरूआत के 29 साल पूरा होने का जश्न मना रहे थे।
ज़ायोनी दूत ने धमाके के वक़्त को जाँच में मद्देनज़र रखने की अपील की है। (MAQ/N)
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