बहरैन, नागरिकता छिनी, ज़ुल्म के पहाड़ तोड़े गये लेकिन बहरैन की जनता, दस साल से क्रांति की अलख जलाए हुए है...वीडियो
(last modified Thu, 11 Feb 2021 14:04:58 GMT )
Feb ११, २०२१ १९:३४ Asia/Kolkata

बहरैन की जनता ने आले ख़लीफ़ा शासन की दमनकारी कार्यवाहियों की निंदा की है।

बहरैनवासियों ने 14 फ़रवरी वाले आन्दोलन की दसवीं सालगिरह के अवसर पर बहरैन के विभिन्न क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन किये।

अल्लूलू वेबसाइट के अनुसार बहरैन के अलवेफ़ाक़ दल की ओर से बुधवार की रात को ट्वीट किया गया।  इसमें लिखा गया है कि प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाते हुए ज़ायोनी शासन के साथ आले ख़लीफ़ा शासन के संबन्ध सामान्य करने की भर्त्सना की। 

इन बहरैनी प्रदर्शनकारियों के हाथों में कुछ प्लेकार्ड्स थे जिनपर, "सफलता तक प्रतिरोध" और शहीदों के परिजनों का सम्मान" जैसे नारे लिखे हुए थे।  इसी बीच 14 फ़रवरी गठबंधन ने भी 14 फरवरी आन्दोलन की सालगिरह के अवसर पर एक बयान जारी करके इस देश की जनता से अत्याचारी शासन को बदलने की मांग की है।

याद रहे कि 14 फ़रवरी 2011 से बहरैन में आले ख़लीफ़ा शासन के अत्याचारों के विरुद्ध आन्दोलन जारी है।  पिछले 11 वर्षों के दौरान निराधार आरोप लगाकर हज़ारों बहरैनियों को जेलों में डाल दिया गया और कुछ की नागरिकता को समाप्त कर दिया गया।

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