इस्राईल के फैसले से हम अब भी नाराज़ हैंः जार्डन
जार्डन के विदेशमंत्री का कहना है कि इस्राईल द्वारा देश के युवराज अलहुसैन बिन अब्दुल्लाह को मस्जिदुल अक़सा में प्रवेश करने से रोके जाने से हम अब भी क्रोधित हैं।
ईमन अस्सफ़दी ने सीएनएन से बात करते हुए कहा कि पूरी सहमति के बावजूद इस्राईल ने जार्डन के युवराज को अन्तिम समय मस्जिदुल अक़सा जाने की अनुमति नहीं दी।
उन्होंने कहा कि पहले यह तय हो चुका था कि जार्डन के युवराज मस्जिदुल अक़सा की यात्रा करेंगे और इस्राईल ने इसपर सहमति भी दे दी थी किंतु अन्तिम समय में वह अपने वचन से मुकर गया। अस्सफ़दी के अनुसार इस्राईल ने यह काम करके धार्मिक स्वतंत्रता का खुलकर उल्लंघन किया है।
जार्डन के विदेशमंत्री ने इस सवाल के जवाब में कि जार्डन ने अपनी सीमा से इस्राईली प्रधानमंत्री नेतनयाहू के विमान को गुज़रने की अनुमति क्यों नहीं दी, कहा कि जब इस्राईल एसी परिस्थितियां उत्पन्न करेगा कि एक पवित्र स्थल की यात्रा को अकारण ही रोक दिया जाए तो फिर इस्राईल को इस बात की क्यों अपेक्षा है कि उसके प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए दूसरा देश अपनी वायुसीमा खोल दे।
ज्ञात रहे कि गुरूवार को इस्राईल के प्रधानमंत्री नेतनयाहू संयुक्त अरब इमारात की यात्रा पर जाने वाले थे किंतु उनका सफर टल गया। जानकारों का कहना है कि जार्डन द्वारा इस्राईल के प्रधानमंत्री के विमान को अपने यहां से गुज़रने की अनुमति न देने के कारण नेतनयाहू की यह यात्रा टली है। यह चौथी बार है कि जब नेतेनयाहू का संयुक्त अरब इमारात का दौरा रद्द हुआ है।
इस्राईली मीडिया ने नेतनयाहू की यूएई यात्रा रद्द होने का ठीकरा मोसाद प्रमुख यूसी कोहन के सिर पर फोड़ते हुए कहा कि उनके कमज़ोर समन्वय की वजह से ही यह दौरा रद्द हुआ है। फ़ार्स न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार नेतनयाहू ने गुरुवार को ट्वीट किया कि शीघ्र ही यूएई का दौरा करूंगा और जाॅर्डन की वायुसीमा के प्रयोग के बारे में समन्वय न होने की वजह से मैं इमारात न जा सका।