परमाणु समझौते की बहाली के लिए पहला क़दम उठाए अमेरिका: रूस
रूस ने संयुक्त राज्य अमेरिका को याद दिलाया है कि वह परमाणु समझौते से बाहर हो गया है, इसलिए उसे पहले ईरान के ख़िलाफ़ प्रतिबंध हटाना होगा ताकि यह महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय समझौता सामान्य हो सके।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रियाबकोफ़ ने रशिया टुडे के साथ एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका एकतरफ़ा और ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से परमाणु समझौते से बाहर निकला है, इसलिए उसे चहाइ कि वह ईरान की ओर पहला क़दम उठाए और अंतर्राष्ट्रीय समझौते में वापस लौट आए। उन्होंने कहा कि इसके लिए सबसे पहले अमेरिका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण यह है कि वह ईरान पर से हथियारों सहित सभी प्रतिबंधों को हटाए। रूस के उप विदेश मंत्री ने कहा कि जेसीपीओए को फिर से पटरी पर लाने के उद्देश्य से वियना वार्ता की कार्यवाही में जो देरी हुई है उसका कारण ईरान में चुनाव और नई सरकार का गठन था।
ज्ञात रहे कि 14 जुलाई 2015 को सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों और जर्मनी के साथ ईरान का परमाणु समझौता हुआ था और 16 जनवरी 2016 से इस समझौते का कार्यानवयन शुरू हुआ। बाद में सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करके परमाणु समझौते को अंतर्राष्ट्रीय क़ानून का दर्जा दिया। अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति बनने से पहले से ही इस परमाणु समझौते को त्रासदी बताते आ रहे थे और उन्होंने परमाणु समझौते को तार-तार करते हुए और अंतरराष्ट्रीय नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए मई 2018 में इस समझौते से अमेरिका के निकलने का एलान कर दिया था। वहीं जब 2020 में बाइडन अमेरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव जीते तो यह आशा व्यक्त की जा रही थी कि वह ट्रम्प के रास्ते को छोड़कर बाराक ओबमा के रास्ते को अपनाएंगे, लेकिन बाइडन ने भी ट्रम्प के रास्ते को ही आगे बढ़ाते हुए अमेरिका को अब तक परमाणु समझौते से बाहर रखे हुए हैं। (RZ)
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