रूस- अमरीका संबंध, किस करवट बैठेगा ऊंट
रूस के ख़िलाफ़ अमरीका की शत्रुतापूर्ण नीतियां जारी हैं जबकि वाशिंग्टन की इस धमकी के बाद कि वह रूस को आतंकवादियों का समर्थक क़रार दे देगा, मास्को ने वाइट हाऊस को सचेत किया है कि इस प्रकार का फ़ैसला द्विपक्षीय संबंधों को बंद गली में पहुंचा देगा जहां से लौटना असंभव होगा और इससे संबंध भी पूरी तरह टूट सकते हैं।
रूस के विदेशमंत्रालय में उत्तरी अमरीका डेस्क के प्रभारी एलेक्ज़ेंडर दारचीफ़ सचेत करते हैं कि अगर अमरीकी सीनेट ने रूस को आतंकवादियों का समर्थक देश के रूप में प्रस्ताव पारित किया तो इससे दोनों देशों के कूटनयिक संबंध बुरी तरह प्रभावित हो जाएंगे, संबंधों का स्तर कम तो होगा ही संभव है कि संबंध भी टूट सकते हैं।
अमरीका वर्षों से आतंकवाद का हथकंडा दूसरे देशों पर दबाव के लिए प्रयोग करता आ रहा है और वह इस हथकंडे को अपनी विदेश नीति को आगे बढ़ाने के लिए प्रयोग करता रहा है। यही कारण है कि वाशिंग्टन भी इसी कोशिश में है कि वह यूक्रेन की जंग में रूस पर अपना दबाव बढ़ा दे और आतंकवाद का नया शोशा लेकर रूस के विरुद्ध नया मोर्चा खोल दे ताकि मास्को पर और अधिक से अधिक प्रतिबंध लगाए जा सकें।
इसी परिधि में अमरीकी विदेशमंत्रालय के कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने अपील की है कि रूस ने चेचन्या, जार्जिया, सीरिया और यूक्रेन में जो काम किया है उसकी वजह से उसे आतंकवाद का समर्थक देश क़रार दिया जाए।
यूक्रेन युद्ध शुरु होने के समय से ही रूस और पश्चिमी देशों के बीच मतभेद की खाई गहराती चली गयी और इसी के साथ ही मास्को और वाशिंग्टन के संबंध भी बिगड़ गये।
क्रिमलन ने यूक्रेन में हथियार पहुंचाने की वजह से बारम्बार पश्चिम की आलोचना की है और सचेत किया है कि वाशिंग्टन ही इस प्रकार की कोशिशें हालात को और भी बदतर बना देंगी। (AK)