ऊर्जा संकट ने यूरोप को घुटने टिका दिेयेः हंगरी
हंगरी के प्रधानमंत्री ने कहा है कि ऊर्जा संकट ने यूरोप को पूरी तरह से घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।
विक्टर मिहाली ओरबेन ने कहा कि रूस को कमज़ोर करने के उद्देश्य से लगाए जाने वाले पश्चिम के प्रतिबंध, सफल नहीं रहे बल्कि इनका नतीजा उल्टा निकला।
उन्होंने कहा कि आज इन्हीं पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण यूरोप में ऊर्जा संकट ने जन्म लिया है। उनका कहना है कि इसी ऊर्जा संकट ने अब यूरोप को बहुत बुरे संकट में फंसा दिया है।
हंगरी के प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस के विरुद्ध पश्चिम ने जो हज़ारों प्रतिबंध लगाए उनके परिणाम वैसे नहीं निकले जैसा पश्चिमी चाहते थे बल्कि उन्होंने उल्टे यूरोप को संकट में डाल दिया। उनका कहना था कि इन्ही प्रतिबंधों के परिणाम में आज यूरोप गंभीर ऊर्जा संकट का सामना कर रहा है।
विक्टर ओरबेन के अनुसार इस समय रूस के विरुद्ध पश्चिम के ग्यारह हज़ार से अधिक प्रतिबंध लगे हुए हैं। इसके बावजूद रूस को कमज़ोर नहीं किया जा सका। इनका उल्टा परिणाम यह निकला कि यूरोप, गंभीर ऊर्जा संकट में फंसता चला गया। अब आने वाले जाड़े के मौसम में यह समस्या अधिक जटिल हो सकती है। हंगरी के प्रधानमंत्री के अनुसार यूरोप ने यदि अपना व्यवहार नहीं बदला तो फिर यह स्थति और ख़राब हो जाएगी जिसका अधिक नुक़सान आम लोगों को होगा।
उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ ने रूस के विरुद्ध अबतक 11800 से अधिक प्रतिबंध लगा रखे हैं। इनमें से 9200 प्रतिबंध, यूक्रेन युद्ध के बाद लगाए गए जबकि बाक़ी प्रतिबंध सन 2014 से लगे हुए हैं।
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