मिस्री संसद से उठी मंहगाई रोकने की आवाज़
मिस्र में बढ़ती मंहगाई और वस्तुओं की क़ीमत को लेकर वहां की संसद में हंगामा हुआ।
मिस्र के सांसदों ने इस देश की सरकार से देश में बढती क़ीमतों, मूलभूत आवश्यकता की वस्तुओं में कमी और इनसे जनता के परेशान होने की बात कही है। उनका कहना है कि मंहगाई को रोकने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है।
मिस्री सांसदों ने यह भी बताया है कि बाज़ार में मूलभूत आवश्यकताओं की चीज़ों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है जिससे वस्तुओं के मूल्य तेज़ी से बढ़ रहे हैं। इन सांसदों ने कहा है कि मिस्र की इस वर्तमान स्थति को देखते हुए देश के वित्तमंत्री को अपने पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए।
मिस्र की संसद में मंगलवार को देश में बढ़ती क़ीमतों के विषय पर बहस हुई थी। इसी बीच मिस्र के एक सांसद अहमद फ़रग़ल का कहना है कि आवश्कयता की वस्तुओं की बढ़ती क़ीमतों को नियंत्रित करने में विफल रहने के कारण मंत्रीमण्डल को त्यागपत्र दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस समय पूरा देश काला बाज़ारी का शिकार है और हर चीज़ बहुत मंहगी बिक रही है।
एक रिपोर्ट के हिसाब से मिस्र की एक तिहाई जनसंख्या इस समय निर्धन्ता में जीवन गुज़ार रही है। वहां की अर्थव्यवस्था अब भी विषम परिस्थतियों से गुज़र रही है। हालांकि अन्य देशों की भांति कोविड-19 ने मिस्र की अर्थव्यवस्था को किसी सीमा तक प्रभावित किया था किंतु वहां के लोगों का कहना है कि मंहगाई को रोकने में देश की सरकार भी काफ़ी ज़िम्मेदार है।
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