यूक्रेन युद्ध में नया मोर्चा खोलने की तैयारी
गुरुवार को पेंटागन की उप प्रवक्ता सबरीना सिंह ने कहा कि वाशिंगटन क्रीमिया प्रायद्वीप को यूक्रेन का हिस्सा मानता है और इसे वापस लेने के लिए कीव के अभियान का समर्थन करता है।
सिंह का कहना था कि अगर यूक्रेन की सरकार और सेना क्रीमिया को वापस लेने के लिए कोई कार्यवाही करते हैं तो हम जब तक भी जंग जारी रहेगी, यूक्रेन के साथ खड़े रहेंगे। क्योंकि यूक्रेन के लोगों को अधिकार है कि वह अपने देश से तोड़े जाने वाले भाग को फिर से हासिल करें।
इससे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि बाइडन प्रशासन यूक्रेन की सेना को ऐसे हथियार देने पर विचार कर रही है, जो क्रीमिया प्रायद्वीप तक मार कर सकें। बुधवार को अमरीकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पत्रकारों के इस सवाल के जवाब में कि क्या वाशिंगटन नहीं चाहता कि यूक्रेन अमरीकी हथियारों का इस्तेमाल क्रीमिया में करे? उल्लेख किया कि यह प्रायद्वीप यूक्रेन का अभिन्न अंग है और वाशिंगटन, कीव को ऐसे हथियार देने की समीक्षा कर रहा है, जिनसे इस क्षेत्र को भी निभाना बनाया जा सके।
ग़ौरतलब है कि रूस ने क्रीमिया पर क़ब्ज़ा करने के बाद, 2014 में वहां जनमत संग्रह का आयोजन करवाया था, जिसमें 96 प्रतिशत लोगों ने इस क्षेत्र का रूस में विलय करने के पक्ष में वोट किया था।
हालांकि यूक्रेन आज भी क्रीमिया को अपना अटूट अंग मानता है और उस पर रूस के निंयत्रण को अवैध क़ब्ज़ा क़रार देता है।
दूसरी ओर रूस ने क्रीमिया पर यूक्रेन के संभावित हमले को लेकर चेतावनी जारी की है और धमकी दी है कि इस हमले का परिणाम बहुत ही भयानक होगा। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने कहा है कि यह प्रायद्वी यूक्रेन के अन्य कई क्षेत्रों की तरह, ऐतिहासिक रूप से रूस का हिस्सा है।
वाशिंगटन में रूस के राजदूत अनातोली एंटोनोव ने क्रीमिया पर यूक्रेन के हमले को लेकर अमरीकी अधिकारियों के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अमरीकी अधिकारियों का लहजा बहुत ही तीखा और शत्रुतापूर्ण है। अमरीकी अधिकारी यह दावा करके कि क्रीमिया, यूक्रेन का हिस्सा है, दर असल कीव को क्रीमिया पर हमले के लिए उकसा रहे हैं। हालांकि अगर यूक्रेन ने ऐसा किया तो यह एक आतंकवादी कार्यवाही होगी, जिसका परिणाम बहुत भयानक होगा।
इस क्षेत्र में ताज़ा घटनाक्रमों को देखते हुए आसानी से यह क़यास लगाया जा सकता है कि 11 महीने बाद भी यूक्रेन युद्ध की समाप्ति की न सिर्फ़ कोई आशा नज़र नहीं आ रही है, बल्कि क्रीमिया को लेकर यह अनिश्चितकाल के लिए लंबा खिंच सकता है।
अमरीका और पश्चिमी देश यूक्रेन को दी जाने वाली मदद में वृद्धि करते जा रहे हैं। 2023 में बाइडन प्रशासन ने 40 बिलियन से भी ज़्यादा की मदद पर सहमति जता दी है। इससे साफ़ ज़ाहिर है कि यह देश यूक्रेन युद्ध को रूस के भीतर तक ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।