बुल्गारिया में नेटो और यूक्रेन युद्ध के विरोध में प्रदर्शन
(last modified Mon, 24 Apr 2023 08:31:34 GMT )
Apr २४, २०२३ १४:०१ Asia/Kolkata

बुल्गारिया में हज़ारों लोगों ने सड़कों पर निकलकर नेटो तथा युद्ध विरोधी प्रदर्शन किये।

बुल्गारिया की राजधानी सोफिया के अतिरिक्त इस देश के लगभग 32 नगरों में यह प्रदर्शन किये गए। 

प्रदर्शनकारी अपने हाथों में प्लेकार्ड लिए हुए थे जिनपर लिखा था हम युद्ध नहीं चाहते।  प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बुल्गारिया को शांत क्षेत्र के रूप में बाक़ी रहना चाहिए।  इस देश को हर प्रकार के युद्ध और सैन्य कार्यवाहियों से दूर रहना चाहिए।  उनकी यह भी मांग थी कि देश में मौजूद नेटो की सैन्य छावनियों को बंद होना चाहिए।  बुल्गारिया मे नेटो की 4 सैन्य छावनियां हैं।  नेटो की यह चारों छावनियां अमरीकी सैनिकों के नियंत्रण में हैं। 

इस देश में नेटो द्वारा छावनिया बनाने का मुख्य उद्देश्य बुल्गारिया की स्ट्रैटेजिक स्थति है।  बुल्गारिया की जनता द्वारा युद्ध और नेटो विरोधी प्रदर्शन बताते हैं कि यहां के लोग युद्ध के दुष्परिणामों से भलिभांति परिचित हैं।  यही कारण है कि उन्होंने पश्चिम की ओर से यूक्रेन के लिए हथियारों की सप्लाई को रोकने की भी मांग की है।  उनका कहना है कि जबतक यूक्रेन युद्ध के दौरान हथियारों की सप्लाई जारी रहेगी उस समय तक इस युद्ध का रुकना संभव नहीं है। 

इसी बीच जर्मनी के डुसेलडोर्फ नगर में रविवार को लोगों ने एकत्रित होकर यूक्रेन के लिए हथियार भेजे जाने का कड़ा विरोध किया।  इन प्रदर्शनकारियों ने अपनी सरकार से अनुरोध किया है कि वह जहां एक ओर यूक्रेन के लिए भेजे जाने वाले हथियारों की आपूर्ति को रुकवाने के लिए काम करे वहीं पर यूक्रेन युद्ध रुकवाने के उद्देश्य से रूस के साथ वार्ता प्रक्रिया को भी आरंभ करे। 

बाइडेन प्रशासन का प्रयास है कि यूक्रेन को अधिक से अधिक हथियारों की सहायत करके रुस के विरुद्ध अपने लक्ष्यों को हासिल करे और इसी के साथ माॅस्को को आर्थिक दृष्टि से कमज़ोर बना दिया जाए।  यह एसा विषय है जिसको बहुत से पश्चिमी नेता भी स्वीकार करते हैं।  इस बारे में हंगरी के प्रधानमंत्री कह चुके हैं कि उनके देश के अतिरिक्त नेटो और यूरोपीय संघ के सदस्य देश, यूक्रेन युद्ध के जारी रहने के पक्ष में हैं। 

यूरोपीय देशों में युद्ध विरोधी प्रदर्शन बताते हैं कि वे अपने देशों की युद्ध बढ़ाने वाली नीतियों से सहमत नहीं हैं।  यूरोपीय देशों की जनता जहां एक ओर यूक्रेन युद्ध का खुलकर विरोध कर रही है वहीं पर यही जनता इसी युद्ध के परिणाम में बढ़ने वाली मंहगाई और बुरी आर्थिक स्थति का सामना कर रही है।  यूक्रेन युद्ध के बाद पश्चिम में उत्पन्न होने वाली आर्थिक समस्याओं ने इस समय सारे ही पश्चिमी देशों को अपने लपेटे में ले लिया है।

हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए

हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कीजिए!

ट्वीटर पर हमें फ़ालो कीजिए