चीन अमेरिका के साथ संबंधों में सुधार के लिए तैयार!
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर से कहा कि उनका देश अमेरिका के साथ पटरी से उतरे रिश्तों को ठीक करने के लिए चर्चा को तैयार है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक से संबंधों को सुधारने में मध्यस्थता करने का आग्रह किया जैसा उन्होंने 50 साल पहले दोनों देशों के बीच राजनयिक रिश्तों को स्थापित कर किया था। किसिंजर फिलहाल बीजिंग की यात्रा पर हैं। वह अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और वित्त मंत्री जेनेट येलेन की इस महीने हुई यात्रा के बाद चीन पहुंचे हैं। उनके अलावा वाशिंगटन के शीर्ष जलवायु दूत जॉन कैरी भी रिश्तों को सुधारने के लिए चीन की यात्रा कर चुके हैं। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प की नीतियों को आगे बढ़ाते हुए मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी चीन के ख़िलाफ़ सख़्त नीतियां अपना रखी हैं। जिसमें व्यापार और तकनीकी प्रतिबंध लगाने के साथ-साथ क्वाड और ऑकस जैसे प्रभावशाली रणनीतिक समूहों का गठन शामिल है। क्वाड में अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं जबकि ऑकस में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन शामिल हैं। इन्हें लेकर चीन का कहना है कि इन समूहों का उद्देश्य उसके विकास के रास्ते में बाधाएं उत्पन्न करना है।
शी जिनपिंग चीन की यात्रा पर पहुंचे अमेरिकी अधिकारियों से मिलने से बचते हैं लेकिन वह किसिंजर से मिलने के लिए बीजिंग के दिआओयुताई राजकीय अतिथि गृह पहुंचे और चीन-अमेरिका के रिश्तों में सुधार करने के लिए उनकी मदद मांगी है। किसिंजर ने इसी अतिथि गृह में 1971 में बीजिंग की पहली यात्रा के दौरान राजनयिक रिश्ते स्थापित करने के लिए चीनी नेताओं से मुलाक़ात की थी। तब अमेरिका के राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन थे। शी जिनपिंग ने किसिंजर के साथ मुलाक़ात के दौरान कहा कि 52 साल पहले चीन-अमेरिका रिश्तों में अहम मोड़ पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अध्यक्ष माओ त्से-तुंग, प्रधानमंत्री झोऊ एनलाइ, अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन और किसिंजर ने उल्लेखनीय रणनीतिक दृष्टि के साथ, चीन और अमेरिका के बीच सहयोग का सही विकल्प चुना था। चीनी राष्ट्रपति ने कहा, “इससे न सिर्फ दोनों देशों को फ़ायदा हुआ, बल्कि पूरी दुनिया पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ' की ख़बर के मुताबिक़, शी जिनपिंग ने कहा कि भविष्य के मद्देनज़र, चीन और अमेरिका के पास एक-दूसरे की सफलता में साथ देने और साझा समृद्धि हासिल करने के तमाम कारण हैं। उन्होंने कहा कि इसमें परस्पर सम्मान, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और लाभकारी साझेदारी के सिद्धांतों का पालन करना अहम होगा। (RZ)
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