इमरान ख़ान को जेल में मिली राहत!
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को साइफ़र मामले में पाकिस्तान तहरीके इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ मुक़दमे की कार्यवाही 16 नवंबर तक रोक दी है।
पाकिस्तान मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक़, पाकिस्तान उच्च न्यायालय ने इमरान खान पर साइफ़र केस में सुनवाई पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति मियां गुल हसन औरंगज़ेब और न्यायमूर्ति समन रफ़त की दो सदस्यीय पीठ ने इमरान ख़ान की याचिका पर स्थगन आदेश की घोषणा की है। बता दें कि इस महीने की शुरुआत में इमरान ख़ान ने साइफ़र मामले में गिरफ़्तारी के बाद ज़मानत की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अपनी 18 पन्नों की ज़मानत याचिका में, पीटीआई प्रमुख ने मामले में उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही रोकने के विरुद्ध इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के फ़ैसले को चुनौती दी, क्योंकि इसने उनकी याचिकाएं ख़ारिज कर दीं और पूछताछ की अनुमति दी।
पीटीआई अध्यक्ष का प्रतिनिधित्व सलमान अकरम राजा ने किया, जबकि उप अटॉर्नी जनरल अरशद कियानी सरकार की ओर से पेश हुए। इसके अलावा, न्यायमूर्ति औरंगज़ेब ने कहा कि जेल मुक़दमे के लिए संघीय सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाएं प्रथम दृष्टया उच्च न्यायालय के नियमों के ख़िलाफ़ लगती हैं। उन्होंने कहा कि ट्रायल के बारे में कई सवालों के जवाब दिए जाने की ज़रूरत है। इस बीच, न्यायाधीश ने यह भी कहा कि आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श किया गया था, एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से एक विशेष अदालत बनाई गई थी। अटॉर्नी जनरल ने अदालत में कहा कि संघीय कैबिनेट ने साइफ़र मामले में जेल में मुक़दमे को मंज़ूरी दे दी है और जल्द ही अधिसूचना अदालत में पेश की जाएगी। आईएचसी न्यायाधीश ने यह भी कहा कि संघीय कैबिनेट ने दो दिन पहले ही जेल मुक़दमे को मंज़ूरी दी थी, जिससे मुक़दमे की स्थिति पर सवालिया निशान खड़े हो गए। उन्होंने यह भी जानने की मांग की कि किन परिस्थितियों में जेल में मुक़दमा चलाने का निर्णय लिया गया। हालांकि, बाद में अदालत ने 16 नवंबर तक साइफ़र मामले के उनके जेल मुक़दमे के ख़िलाफ़ स्थगन आदेश जारी किया। (RZ)
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