अमेरिका में 121 लोगों की सामूहिक क़ब्र बरामद
अमेरिका में नस्ली भेदभाव का इतिहास अमेरिकी इतिहास से भी अधिक पुराना है।
अमेरिका में रेड इंडियन्स विशेषकर श्यामवर्ण के लोगों के खिलाफ नस्ली भेदभाव के इतिहास का संबंध अति प्राचीन है। अमेरिका की वायुसेना ने फ्लोरीडा राज्य में 121 लोगों की सामूहिक कब्र मिलने की सूचना दी है और बताया है कि इस सामूहिक कब्र का संबंध श्यामवर्ण के लोगों से है। इसी प्रकार अमेरिकी वायुसेना ने बताया है कि यह सामूहिक कब्र वायुसेना की "मैकडिल" छावनी में बरामद हुई है।

अमेरिकी वायुसेना के एक वरिष्ठ अधिकारी लोरा अंडरसन ने बताया है क सामूहिक कब्र का बरामद होना पीड़ादायक है और इसके दूसरे पहलुओं को जानने के संबंध में छानबीन की जा रही है। अमेरिका में सामूहिक कब्र के बरामद होने पर शायद कुछ लोगों को आश्चर्य हो रहा हो परंतु जानकार हल्कों को इस पर लेशमात्र भी आश्चर्य नहीं हो रहा है कि क्योंकि उनकी नज़र अमेरिकी इतिहास पर है और अमेरिकी इतिहास की नीव हज़ारों नहीं बल्कि लाखों विशेषकर रेड इंडियंस और श्यामवर्ण के लोगों के खून पर रखी गयी है। अमेरिका में दास प्रथा के दौरान न जाने कितने श्यामवर्ण के लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया और उनके खिलाफ किसी भी प्रकार के अत्याचार में संकोच से काम नहीं लिया गया और आज भी अमेरिका में लोगों विशेषकर श्यामवर्ण के लोगों के साथ भेदभाव हो रहा है।
यद्यपि कुछ अमेरिकी अधिकारियों ने हालिया दशकों में अमेरिकी समाज विशेषकर काले लोगों के खिलाफ हो रहे भेदभाव को समाप्त करने के लिए प्रयास किया परंतु वर्तमान समय में अमेरिकी अधिकारियों की कथनी और करनी इस बात की सूचक है कि श्यामवर्ण के लोगों ने बहुत कम इस देश में शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत किया है। अमेरिकी समाज का कोई क्षेत्र नहीं है जहां श्यामवर्ण के लोगों के साथ भेदभाव न हो रहा हो। रोचक बात यह है कि श्यामवर्ण का व्यक्ति अगर अमेरिकी और ईसाई भी हो तब भी उसके साथ भेदभाव किया जाता है। अमेरिकी समाज में आज भी बहुत से गोरे, काले लोगों को दूसरे दर्जे का इंसान समझते हैं और उनके साथ समानता का व्यवहार नहीं करते हैं। अगर एक ही काम एक गोरा और दूसरा काला कर रहा है तो दोनों का वेतन समान नहीं है। गोरे को काले से ज्यादा वेतन दिया जाता है और इस पर आम तौर पर कोई एतराज़ भी नहीं करता है और यह अनुचित चीज़ अमेरिकी समाज का भाग बन चुकी है और काले लोगों की मृत्युदर गोरे लोगों की मृत्यदर से अधिक है।
श्यामवर्ण के लोगों के खिलाफ अमेरिकी पुलिस का बर्बर रवइया किसी से ढका छिपा नहीं है। अभी कुछ साल पहले अमेरिका के गोरे पुलिस कर्मी ने जार्ज फ्लोयड नाम के श्यामवर्ण के व्यक्ति की बड़ी ही निर्ममता से हत्या कर दी थी जिसके खिलाफ अमेरिका के लगभग सभी राज्यों में उग्र प्रदर्शन हुए थे और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रदर्शनकारियों को आतंकवादी कहा था।
बहरहाल जानकार हल्कों का मानना है कि अमेरिका को चाहिये कि वह दूसरे देशों को मानवाधिकारों की रक्षा करने और डेम्रोक्रेसी का दर्स देने के बजाये अपने समाज में व्याप्त कमियों पर ध्यान देकर उन्हें दूर करने का प्रयास करे। MM
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