दुनिया में हथियारों का दूसरा निर्यातक देश बना फ्रांस
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दुनिया में दूसरा हथियार नर्यातक देश बना फ्रांस
रूस को पीछे छोड़ते हुए फ्रांस अब विश्व में दूसरा सबसे बड़ा शस्त्र निर्यातक देश बन चुका है।
पार्स टुडे के अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान एसआईपीआरआई की ताज़ा रिपोर्ट में बताया गया है कि सन 2014 से लेकर 2023 के बीच फ्रांस की ओर से हथियारों के निर्यात में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
हथियारों के निर्यात में फ़्रांस के आगे बढ़ने का एक कारण यूक्रेन युद्ध है। इस युद्ध के कारण रूस को अधिक और आधुनिक हथियारों की ज़रूरत पड़ी और इसी के साथ पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण रूसी हथियारों के निर्यात में कमी आई। यह वे दो महत्वपूर्ण कारक हैं जिनकी वजह से फ्रांस ने शस्त्रों के निर्यात के क्षेत्र में प्रगति की। फ़्रांस की ओर से जो हथियार निर्यात किये जाते हैं उनमें एशियाई और प्रशांत सागर के देशों का हिस्सा 42 प्रतिशत है जबकि पश्चिमी देशों का भाग 34 प्रतिशत है।
सीपरी या एसआईपीआरआई संस्था के एक वरिष्ठ शोधकर्ता पीटर वेज़मान के अनुसार फ़्रांस इस समय जिस चीज़ को हासिल करने के प्रयास कर रहा है उसको दूसरे शब्दों में रणनीतिक स्वायत्ता भी कहा जाता है। वहीं के एक अन्य शोधकर्ता केटारीना जोकीच के अनुसार वर्तमान समय में फ्रांस, दुनिया में बढ़ती हथियारों की मांग जैसे अवसर से खूब लाभ उठा रहा है।

यह वह मांग है जिसको पश्चिम विशेषकर अमरीका की युद्धोन्मादी नीति ने अस्तित्व दिया है। शायद यही वजह है कि अमरीका आज भी दुनिया में हथियारों के निर्यात में पहले पायदान पर आसीन है।
स्टाकहोम के अन्तर्राष्ट्रीय शांति अनुसंधान संस्थान के आंकड़ों के अनुसार फरवरी 2022 में जबसे यूक्रेन युद्ध आरंभ हुआ है, तब से कम से कम दुनिया के 30 दशों ने सैन्य सहायता के रूप में यूक्रेन को हथियार स्पलाई किये हैं। इस दौरान बहुत से पश्चिमी देशों ने हथियारों के आयात में वृद्धि की है। इन हथियारों में अधिकांश को अमरीका से आयात किया गया। सीपरी या एसआईपीआरआई संस्था के आंकड़े बताते हैं कि सन 2019 से लेकर 2023 के बीच पश्चिमी देशों ने अमरीका से 55 प्रतिशत हथियारों को आयात किया जबकि 2014 से 2018 के बीच यह आंकड़ा मात्र 35 प्रतिशत ही था।
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