वेनेज़ुएला चुनाव में क्या हुआ, एक नज़र
(last modified Sun, 04 Aug 2024 08:16:25 GMT )
Aug ०४, २०२४ १३:४६ Asia/Kolkata
  • वेनेज़ुएला चुनाव में क्या हुआ, एक नज़र
    वेनेज़ुएला चुनाव में क्या हुआ, एक नज़र

पार्सटुडे-वेनेजुएला की घटनाएं ऐसी हालत में हुईं जब अमेरिका और कनाडा जैसे पश्चिमी देशों में चुनाव परिणामों के एलान के लिए इस जैसे मिलते जुलते क़ानून नहीं हैं और यहां तक ​​​​कि कुछ मामलों में, परिणामों की घोषणा में काफ़ी देरी हुई है।

वेनेज़ुएला में एक बार फिर 2002 की तरह तख्तापलट की कोशिश देखी गई है, लेकिन इस बार यह कोशिशें, संगठित अपराध और साइबर हमलों की परिधि में अंजाम पायी हैं।

हालिया चुनावों में, लाखों इलेक्ट्रॉनिक मतदाताओं ने संयुक्त राष्ट्र संघ और अफ़्रीक़ी संघ के चुनाव विशेषज्ञों सहित 635 से अधिक अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में अपने मत डाले। पार्सटुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि इस चुनाव में विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा।

शायद सबसे बड़ी वजह अमेरिका का हमेशा वाला व्यवहार था, जिसमें विपक्ष को उकसाने से लेकर तख्तापलट का आह्वान करना और दंगों के दायरे को फैलाने के लिए धन मुहैया कराना शामिल था।

 

चुनाव परिणाम

 

28  जुलाई, 2024 को निकोलस मादुरो 51.2 प्रतिशत वोट यानी (5150092 वोट) के साथ एक बार फिर से वेनेज़ुएला के राष्ट्रपति चुने गए। उनके दक्षिणपंथी प्रतिद्वंद्वी एडमंडो गोंजालेज 2.44 प्रतिशत वोट (4445978 वोट) से हार गए। अन्य विपक्षी उम्मीदवारों को केवल 4.6 प्रतिशत वोट मिले। इन परिणामों का एलान सीएनई संविधान के चुनाव प्राधिकरण द्वारा 80 प्रतिशत वोटों की समीक्षा और ऑडिट के बाद की गई।

 

साइबर हमले

 

शुरुआती परिणामों की घोषणा के बावजूद, इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स पर बड़े पैमाने पर साइबर हमले की वजह से बाक़ी 20 प्रतिशत वोट अभी तक जारी नहीं किए गए हैं।

सौ से अधिक बार किए गए इस अत्याधुनिक साइबर हमले का पता उत्तरी मैसेडोनिया में लगाया गया था। हमलों में शामिल कई अधिकारियों का परिचय कराने के अलावा, राष्ट्रपति मादुरो ने एलन मस्क को इन हमलों में शामिल मुख्य संदिग्धों में से एक बताया है।

 

अंतर्राष्ट्रीय अनुभव

 

सोचने वाली बात यह है कि वेनेजुएला की घटनाएं ऐसी हालत में हुईं जब अमेरिका और कनाडा जैसे पश्चिमी देशों में चुनाव परिणामों के एलान के लिए इस जैसे मिलते जुलते क़ानून नहीं हैं और यहां तक ​​​​कि कुछ मामलों में, परिणामों की घोषणा में काफ़ी देरी हुई है। मिसाल के तौर पर 2000 के अमेरिकी चुनाव में, अंतिम परिणाम 37 दिनों के बाद घोषित किए गए थे, और 2021 में, अंतिम चुनाव परिणामों की घोषणा में 4 दिन की देरी से हुई थी।

 

तख्तापलट और हिंसा

 

जैसे ही आरंभिक नतीजे घोषित हुए, वेनेज़ुएला में व्यापक हिंसा भड़क उठी। यह हिंसा वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो द्वारा संगठित आपराधिक समूहों और आतंकवादियों द्वारा अंजाम दी गयी।

कोलंबियाई संगठित अपराध के सहयोग से प्रशिक्षित इन गुटों ने सार्वजनिक और निजी संपत्ति में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। इन हिंसाओं के परिणामस्वरूप 77 पुलिस और सैन्यकर्मी घायल हो गए जबकि एक अधिकारी की मौत हो गई।

 

सरकार का जवाब

 

वेनेज़ुएला सरकार ने इन हिंसा में लिप्त 1062 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार करके देश में व्यवस्था बहाल करने की कोशिश की। यह लोग नशीली दवाओं के नशे में थे और उन्होंने तुरंत अपना अपराध स्वीकार कर लिया और उन पर चार्जशीट दाख़िल कर दी गयी है। इन सरकारी प्रयासों से पता चला कि वेनेज़ुएला ने आतंकवाद और संगठित अपराध के ख़िलाफ़ लड़ाई में महत्वपूर्ण सफलताएं अर्जित की हैं।

 

कीवर्ड्ज़: वेनेज़ुएला चुनाव, अमेरिकी हस्तक्षेप, मादुरो कौन है?, वेनेज़ुएला और अमेरिका (AK)

 

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