अमरीका में अश्वेतों के साथ भेदभाव की स्वीकारोक्ति
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अमरीका में पुलिस द्वारा अश्वेतों पर हमलों के कारण व्याप्त तनाव के बीच इस देश के राष्ट्रपति ने स्वीकार किया है कि इस देश के इतिहास में अफ़्रीक़ी मूल के अमरीकियों के अनेक अंधकारमय कोण मौजूद हैं।
(last modified 2023-04-09T06:25:50+00:00 )
Sep २५, २०१६ १६:२९ Asia/Kolkata

अमरीका में पुलिस द्वारा अश्वेतों पर हमलों के कारण व्याप्त तनाव के बीच इस देश के राष्ट्रपति ने स्वीकार किया है कि इस देश के इतिहास में अफ़्रीक़ी मूल के अमरीकियों के अनेक अंधकारमय कोण मौजूद हैं।

बराक ओबामा ने वाॅशिंग्टन में कहा कि अफ़्रीक़ी मूल के अमरीकियों ने ज़ंजीरों व बेड़ियों के बहुत अधिक भार और कोड़ों की जलन को सहा है लेकिन आज़ादी के लिए संघर्ष भी किया है और अन्याय के मुक़ाबले में डटे है। अमरीकी इतिहास के पहले अश्वेत राष्ट्रपति ने कहा कि हम न तो अमरीका के कंधों पर बोझ हैं और न ही उसके लिए कलंक हैं, हम अमरीका में दया या भीख के पात्र नहीं बल्कि अमरीका का भाग हैं।

 

इस समय अमरीका में पचास और साठ के दशक के नागरिक अधिकारों के आंदोलन के बाद सबसे अधिक रंगभेद को लेकर तनाव देखने में आ रहा है। हालिया वर्षों में अमरीका के बहुत से नगरों में पुलिस की ओर से अश्वेत नागरिकों के ख़िलाफ़ हिंसक व्यवहार के विरुद्ध प्रदर्शन हुए हैं जिनमें से बहुत से उग्र भी रहे हैं। यद्यपि इस देश में राजनैतिक, आर्थिक व सामाजिक क्षेत्रों में उच्च स्तर पर बहुत से अश्वेत नागरिक सामने आए हैं लेकिन इसके बावजूद अब भी दसियों लाख अश्वेतों को असमानता, आर्थिक व शैक्षिक पिछड़ेपन और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।

 

संयुक्त राज्य अमरीका के गठन के बाद से ही इस देश की आर्थिक प्रगति में उन अश्वेत लोगों की मुख्य भूमिका रही है जिन्हें अफ़्रीक़ा से दास बना कर लाया गया था। दास प्रथा 19वीं शताब्दी के मध्य में अनेक रक्तरंजित युद्धों के बाद समाप्त कर दी गई लेकिन अमरीका के अश्वेतों को कभी भी उनका न्यायोचित स्थान नहीं मिला। इस समय भी अमरीका में पुलिसकर्मी कहीं भी और कभी भी बिना किसी भय के अश्वेत नागरिकों पर फ़ायरिंग कर देते हैं जिससे पता चलता है कि श्वेत नागरिकों से आर्थिक व सामाजिक बराबरी के लिए अमरीका के अश्वेतों के समक्ष एक लम्बा रास्ता है। (HN)